Edited By Updated: 01 Apr, 2016 12:42 PM
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बजट दौरान शिरोमणि अकाली दल अमृतसर द्वारा शिरोमणि कमेटी के प्रधान
अमृतसर (पुरी): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बजट दौरान शिरोमणि अकाली दल अमृतसर द्वारा शिरोमणि कमेटी के प्रधान जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ को अपना मांग पत्र देने की जिद कारण शिरोमणि कमेटी के काम्पलैक्स में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के नेता जसकरन सिंह काहन सिंह वाला, जरनैल सिंह सखीरा, हरबीर सिंह संधू और अन्य ने मांग की कि वह अपना मांग पत्र मक्कड़ को ही देंगे।
आखिर उनकी मांग के कारण ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य सचिव हरचरन सिंह ने उनसे मांग पत्र लिया। बजट दौरान मान समर्थक नेताओं द्वारा खालिस्तान के पक्ष में नारे भी लगाए गए। पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए जरनैल सिंह सखीरा ने कहा कि उन्होंने अपने पत्र में मांग की है कि शिरोमणि कमेटी की संस्था में आ चुकी गिरावटों की ओर ध्यान केंद्रित करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की समय सीमा पूरी कर चुकी 2004 वाली अंतरिंग कमेटी के प्रबंध को तुरंत खत्म कर एस.जी.पी.सी. का नया जनरल चुनाव करवाते हुए एस.जी.पी.सी. के विधि-विधान और गुरु साहिबान के सिद्धांतों और सोच को कायम रखा जाए। वहीं गुरु घरों की गोलकों, जमीनों-जायदादों की हो रही लूट-खसूट को तुरंत रोका जाए और तुरंत चुनाव का प्रबंध करके सिख कौम का इस संस्था के लिए फतवा लिया जाए।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2004 वाली एस.जी.पी.सी. की अंतरिंग कमेटी को केवल थोड़ा-बहुत प्रबंध चलाने के अधिकार दिए हैं। उन्होंने कानूनी अधिकारों का उल्लंघन करके केवल बड़े-बड़े फैसले और करोड़ों, अरबों रुपए के नाजायज ढंग से खर्च करते हैं जोकि सिख कौम और सिख धर्म के असूलों के खिलाफ है। जैसे कि श्री फतेहगढ़ साहिब की गुरु की गोलक से गैर-रस्मी तरीके से करोड़ों-अरबों रुपए के फंड निकाल कर खरौड़ा में खरीदी गई 51 किल्ले की जमीन जिसकी कीमत 30 लाख प्रति एकड़ से ज्यादा नहीं, वह जमीन 45 लाख प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी जाने की साजिश कर गुरु घर के खजाने को चूना लगाया जा रहा है जिसको सिख कौम कभी स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि एस.जी.पी.सी. के अधीन आते गुरुघरों में बनने वाली देग के लिए देसी घी के डिब्बों, सिरोपों और श्री दरबार साहिब में चढऩे वाले चंदोए साहिब की खरीद-फरोख्त में बड़े स्तर पर खजाने की लूट की जा रही है।