Edited By Vatika,Updated: 16 Sep, 2018 09:23 AM
सिविल अस्पताल में प्रसव करवाने आने वाली गर्भवती महिलाएं सावधान हो जाएं। अस्पताल में स्टाफ कर्मचारी बिना जांच किए प्रसव करवाने आए गर्भवती महिलाओं के परिजनों को जच्चा-बच्चा की हालत गंभीर होने का झूठ बोलकर बेबे नानकी अस्पताल में रैफर कर रही हैं। आज एक...
अमृतसर(दलजीत): सिविल अस्पताल में प्रसव करवाने आने वाली गर्भवती महिलाएं सावधान हो जाएं। अस्पताल में स्टाफ कर्मचारी बिना जांच किए प्रसव करवाने आए गर्भवती महिलाओं के परिजनों को जच्चा-बच्चा की हालत गंभीर होने का झूठ बोलकर बेबे नानकी अस्पताल में रैफर कर रही हैं। आज एक ऐसा ही मामला उस समय सामने आया जब एक परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी बहू का प्रसव प्राइवेट अस्पताल में करवाया।
पूनम निवासी गेट हकीमां ने बताया कि उनकी बहू भावना शर्मा 9 महीने की गर्भवती होने के कारण सिविल अस्पताल में चैकअप करवा रही थी। हम हर महीने यहां आते और गायनी डाक्टर से जांच करवाकर लौट जाते। शनिवार को भावना को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। हम उसे सिविल अस्पताल ले आए। यहां गायनी वार्ड के स्टाफ ने बिना जांचें-परखे ही कह दिया कि कोख में पल रहा बच्चा कमजोर है, जच्चा-बच्चा दोनों की जिंदगी खतरे में हैं। इसलिए भावना को गुरु नानक देव अस्पताल स्थित बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर सैंटर ले जाएं। पूनम ने बताया कि स्टाफ की डरा देने वाली बातें सुनकर हम सिहर गए।
इस पर भावना को एम्बुलैंस में बिठाया और गुरु नानक देव अस्पताल ले जाने की बजाय एक निजी अस्पताल में ले आए। निजी अस्पताल के डाक्टरों ने आधे घंटे में डिलीवरी कर दी। डाक्टरों ने हमें बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, बच्चे का वजन सामान्य था। सिविल अस्पताल के गायनी स्टाफ ने हमें इसलिए डराया ताकि उन्हें भावना की डिलीवरी न करनी पड़े। स्टाफ की इस हरकत की वजह से हमें बहुत मानसिक पीड़ा हुई है। स्टाफ की शिकायत सिविल सर्जन से करेंगे।