Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 09:40 AM
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों के सुनहरी भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। बोर्ड की नालायकी के कारण 7 विद्यार्थियों का साल बर्बाद हो गया है। बोर्ड द्वारा पहले उक्त विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने के लिए जहां रोल नंबर जारी कर दिए गए, वहीं शुरू...
अमृतसर(दलजीत): पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों के सुनहरी भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। बोर्ड की नालायकी के कारण 7 विद्यार्थियों का साल बर्बाद हो गया है। बोर्ड द्वारा पहले उक्त विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने के लिए जहां रोल नंबर जारी कर दिए गए, वहीं शुरू हुई परीक्षा में कागजों में कमी होने का हवाला देते हुए एक दम से उन्हें परीक्षा केंद्र से बाहर निकाल दिया गया। बोर्ड की कार्रवाई के कारण विद्यार्थियो में रोष पाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार बोर्ड कि 10वीं की अंग्रेजी विषय की पहली परीक्षा थी, सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल रामबाग में 253 या ओपन स्कूल के विद्यार्थी परीक्षा देने पहुंचे हुए थे। परीक्षा शुरू होने के कुछ ही समय बाद बोर्ड के मुख्य कार्यालय से स्कूल प्रशासन को फोन आया कि उक्त केंद्र में परीक्षा दे रहे 9 विद्यार्थियों के कागजात पूरे नहीं हं, इन्हें परीक्षा में बैठने न दिया जाए। स्कूली प्रशासन द्वारा जब बोर्ड से कागजात की पड़ताल करवाई गई तो 4 बच्चों के कागजात ठीक पाए गए, जबकि 5 विद्यार्थियों के कागज मुख्य कार्यालय बोर्ड से नहीं मिल पाए। 5 विद्यार्थियों को परीक्षा देने से मनाकर दिया गया। विद्यार्थी परीक्षा के लिए गोल्डन एवेन्यू स्थित बोर्ड के कार्यालय भी गए, लेकिन वहां किसी ने कार्रवाई नहीं की।
इसी तरह जनता गल्र्ज सी.सै. स्कूल छहर्टा में भी 2 विद्यार्थियों के कागजात पूरे न होने के कारण उन्हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया। राम बाग सरकारी स्कूल में राहुल कुमार, गुरप्रीत, गुरजीत व मन्नत सुंदर को परीक्षा के लिए दोबारा बैठा लिया गया। वहीं शरणजीत सिंह, प्रीत सिंह, वीर सिंह, अमरजीत सिंह व कर्ण परीक्षा देने से वंंचित रह गए। सोमवार को अंग्रेजी की परीक्षा के दौरान 11 विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए बैठने न देना पी.एस.ई.बी. के प्रबंधों की पोल खोल दी। इन विद्यार्थियों के डेट ऑफ बर्थ, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों की कमी थी, परंतु सभी विद्यार्थियों के पास परीक्षा देने के लिए फोटों वाला पहचान-पत्र एडमिट कार्ड मौजूद था। सभी विद्यार्थियों ने एक स्वर में कहा कि यदि उन्हें परीक्षा के लिए बैठने नहीं देना था तो रोल नंबर व एडमिट कार्ड क्यों जारी किए गए।
इस बात का जवाब कंट्रोलर व सुपरिंटैंडैंट नहीं दे पाए। उन्होंने विद्यार्थियों को बोर्ड कार्यालय से संपर्क साधने के लिए कहा। वहीं इनमें से चार विद्यार्थियों ने बोर्ड मुख्यालय में फोन के जरिये अपनी दस्तावेज कन्फर्मेशन की बात सैंटर सुपरिटैंडैंट व कंट्रोलर से करवाई, उसके बाद उक्त चारों विद्यार्थियों की एंट्री करवाई गई।
उक्त नंबरों से फोन आने के बाद निकाला विद्यार्थियों को बाहर
सैंटर सुपरिटैंडैंट रीतिका सचदेवा व कंट्रोलर व सरकारी सी.सै. स्कूल राम बाग की पिं्रसीपल अरङ्क्षबद्र कौर ने बताया कि बोर्ड मुख्यालय 88726-30909 व 84377-00586 से आए फोन के बाद ही उक्त विद्यार्थियों को नहीं बैठने दिया गया है। उक्त नम्बरों से आए फोन में अधिकारी ने कहा था कि इन बच्चों के दस्तावेज पूरे नहीं हैं, इसलिए इन्हें परीक्षा में बैठने का कोई अधिकार नहीं है।
9 टीमों ने खंगाले 47 परीक्षा केन्द्र
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की सोमवार को 10वीं कक्षा की परीक्षा शुरू हो गई। पहले दिन अंग्रेजी की परीक्षा का आयोजन किया गया। परीक्षा केंद्रों में तो शांति पसरी रही। वहीं बाहर लोगों का जमावड़ा रहा। उधर, परीक्षा के दौरान केंद्रों के बाहर पुलिस की तैनाती का दावा करने वाले पी.एस.ई.बी. के दावे की हवा पुलिस ने ही निकाल दी। केंद्रों के बाहर पुलिस मौजूद न होकर, केंद्र के भीतर पुलिस मुलाजिम मोबाइल गैजेट में व्यस्त दिखे। सरकारी सी.सै. स्कूल में इसकी एक बानगी देखने को मिली। सरकारी सी.सै. स्कूल, राम बाग सरकारी सी.सै. स्कूल में पुलिसकर्मी बाहर नदारद रहे, लेकिन लोगों का जमावड़ा पूरा देखा गया। उधर, शिक्षा विभाग द्वारा गठित किए गए फ्लाइंग स्कवायड की 9 टीमों ने पूरे जिले में 10वीं की अंग्रेजी परीक्षा के दौरान दबिश रखी। नौ टीमों ने 47 स्कूलों को खंगाला, लेकिन नकल का कोई केस सामने नहीं आया है।