अब 3 कैबिनेट मंत्रियों और 1 सांसद के निशाने पर प्रदूषण विभाग

Edited By swetha,Updated: 05 May, 2018 02:57 PM

pollution department

पिछले लम्बे समय से सफेद हाथी बन चुका प्रदूषण विभाग अब कई मंत्रियों के बीच फंसने जा रहा है। बीते समय में प्रदूषण विभाग ही एक ऐसा विभाग माना जाता था, जहां संभवत किसी भी कोताही के लिए कोई कार्रवाई न होने की चर्चा होती रहती थी। वर्तमान समय में 3 कैबिनेट...

अमृतसर (इन्द्रजीत): पिछले लम्बे समय से सफेद हाथी बन चुका प्रदूषण विभाग अब कई मंत्रियों के बीच फंसने जा रहा है। बीते समय में प्रदूषण विभाग ही एक ऐसा विभाग माना जाता था, जहां संभवत किसी भी कोताही के लिए कोई कार्रवाई न होने की चर्चा होती रहती थी। वर्तमान समय में 3 कैबिनेट मंत्री और 1 सांसद प्रदूषण विभाग पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं । विभाग 3 मंत्रालयों का जवाबदेह बन चुका है जबकि सांसद किसी भी विभाग की समीक्षा और कार्रवाई करने के लिए अधिकृत है।

 

प्रदूषण की सीमा पार करने का सबसे पहला प्रहार लोकल बॉडी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने उठाया। उन्होंने कहा कि अमृतसर के तुंग पाई ड्रेन के निकटवर्ती क्षेत्र जिसमें 3 लाख लोग रहते हैं ,जो विभाग की लापरवाही से नारकीय जीवन व्यतीत कर रहे है।   यदि यह विभाग उसके अंतर्गत आता तो वह तुरंत दोषी अधिकारी सस्पैंड कर देते। साथ ही सिद्धू ने गलत रिपोर्ट देने का आरोप भी लगाया है जबकि जानकार लोगों का कहना है कि प्रदूषण विभाग के कारण नगर निगम का सीवरेज विभाग अब परेशान हो चुका है। फैक्टरियों का गंदा पानी वहां जा रहा है।

 

दूसरी ओर प्रदूषण विभाग की शह पर कई लोगों ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए फैक्टरियों में अनुमति से कई गुणा अधिक जल बहाना शुरू कर दिया है जिसमें फैक्टरियों के पास यदि अनुमति 4 लाख लीटर पानी प्रतिदिन की है और इसके लिए सिर्फ एक 10 एच.पी. का बोर ही काफी है जबकि कई कारखानों में तो जल खर्च करने की क्षमता 40 से 60 लाख लीटर है। इस पर अब दूसरा जल आपूर्ति विभाग जिस पर अब नवनिर्वाचित मंत्री सुखबिन्द्र सिंहसुख सरकारिया काबिज हैं। बड़ी बात है कि सरकारिया भी अमृतसर के ही विधायक हैं जो इस विभाग के कैबिनेट मंत्री बने हैं। इस पर दूसरी गाज उनकी भी गिर सकती है क्योंकि जल स्रोत की समस्या इस समय देश व्यापी बन चुकी है।

 

प्रदूषण विभाग पर एक ओर दबाव बनते अमृतसर के नवनियुक्त कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश सोनी हैं जो प्रदूषण और वातावरण विभाग के प्रभारी हैं। सर्वविदित है कि ओम प्रकाश सोनी कायदे-कानून के सख्त आदमी हैं और वह प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए अपनी किसी भी सीमा तक जा सकते है। वहीं अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने तो इसे प्रदेश की आपदा तक घोषित करते हुए कहा कि वह किसी भी दोषी अधिकारी को नहीं बख्शेंगे।वर्तमान स्थिति में अब प्रदूषण विभाग पर नवजोत सिंह सिद्धू, सुखबिन्द्र सिंह सुख सरकारिया, ओम प्रकाश सोनी (सभी कैबिनेट मंत्री) के निशाने पर आ चुका है। कुल मिलाकर लंबे समय से कोताही करने वाले प्रदूषण विभाग के लिए आने वाला समय शुभ नहीं है।

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