अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, 4 गिरफ्तार

Edited By swetha,Updated: 15 Jul, 2018 11:41 AM

police solve murder case

48 घंटे पहले सुल्तानविंड रोड स्थित शहीद ऊधम सिंह नगर के खाली प्लाट में हत्या कर फैंके गए शव के मामले में जिला पुलिस ने महिला सहित 4 हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दिलबीर सिंह, बलजीत कौर, तेजिन्द्र सिंह व गुरजीत सिंह निवासी सुल्तानविंड...

अमृतसर(संजीव): 48 घंटे पहले सुल्तानविंड रोड स्थित शहीद ऊधम सिंह नगर के खाली प्लाट में हत्या कर फैंके गए शव के मामले में जिला पुलिस ने महिला सहित 4 हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दिलबीर सिंह, बलजीत कौर, तेजिन्द्र सिंह व गुरजीत सिंह निवासी सुल्तानविंड रोड शामिल हैं। चारों आरोपियों ने मिलकर युवक को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। जब युवक मर गया तो उसके शव को खुर्द-बुर्द करने की नीयत से चारों आरोपी उसे खाली प्लाट में फैंक आए जहां से पुलिस ने अगले दिन सुबह शव को बरामद किया। मरने वाली की पहचान हैपी निवासी बोहड़ू के रूप में हुई। 


यह खुलासा पुलिस कमिश्नर एस.एस. श्रीवास्तव व ए.डी.सी.पी. जगजीत सिंह वालिया ने एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान किया। उन्होंने बताया कि 12 जुलाई की सुबह कुछ लोगों ने पुलिस को सूचित किया था कि शहीद ऊधम सिंह नगर स्थित खाली प्लाट में युवक का शव पड़ा है, जिस पर पुलिस ने मौके पर पहुंचे शव को कब्जे में ले अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध हत्या का केस दर्ज कर लिया था। पुलिस को आरोपियों के बारे में जैसे ही कुछ सुराग मिले तो उन्हें जांच के लिए हिरासत में लिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने माना कि उन्होंने ही हैपी को पीट-पीट कर मौत के घाट उतारा है। 

 

उन्होंने बताया कि मरने वाला हैपी दिमागी तौर से कमजोर था और रास्ता भटक जाने के कारण शहीद ऊधम सिंह क्षेत्र में घूमता दिखाई दिया। वह आरोपियों के घर में झांक रहा था कि उन्होंने बाहर निकल उसे पकड़ लिया और उस पर डंडों से वार किए। हैपी आरोपियों की मार झेल न पाया और दम तोड़ दिया। शव को खुर्द-बुर्द करने की नीयत से आरोपियों ने उसे उठाया और रात के अंधेरे में खाली प्लाट में फैंक आए। आरोपियों ने हैपी को चोर समझ कर पीटा था, मगर वह नहीं जानते थे कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है।

मृतक के बड़े भाई की दिमागी हालत भी ठीक नहीं

ए.डी.सी.पी. जगजीत सिंह वालिया ने बताया कि मरने वाले की पहचान होने के बाद जब पुलिस ने उसकी मां व छोटी बहन के साथ सम्पर्क किया तो पता चला कि हैपी की दिमागी हालत ठीक नहीं थी और मैंटल अस्पताल से उसका उपचार चल रहा था। हैपी की माता व बहन जगह-जगह लगने वाले मेलों में जाकर सामान बेच अपनी रोजी रोटी कमाती हैं। हैपी के बड़े भाई की भी दिमागी हालत ठीक न होने के कारण वह भी 6 वर्ष पहले घर से कहीं चला गया था जो अब तक वापस नहीं लौटा। जब मरने वाली की पहचान के बाद उसकी मां व बहन को बताया गया कि हैपी की मौत हो चुकी है तो उसकी मां की तो जैसे दुनिया ही उजड़ गई और वह एक गहरे सदमे में चली गई।

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