लाखों की आबादी वाले शहर में डेंगू के डंक से लडऩे के लिए मात्र 4 गाडिय़ां

Edited By bharti,Updated: 12 Oct, 2018 02:57 PM

only 4 vehicles for fighting dengue stings in a population of millions of people

डेंगू के डंक से लडऩे के लिए लाखों की आबादी वाले शहर में नगर निगम के पास मात्र 4 गाडिय़ां हैं। सारे...

अमृतसर (रमन): डेंगू के डंक से लडऩे के लिए लाखों की आबादी वाले शहर में नगर निगम के पास मात्र 4 गाडिय़ां हैं। सारे शहर के अंदर फॉगिंग के लिए जहां निगम बड़े-बड़े दावे कर रहा है वहीं इलाकों में फॉगिंग पूरे तरीके से नहीं हो रही है। स्लम इलाकों में डेंगू के मच्छरों की भरमार है जिससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। इसे लेकर हर पार्षद एवं लोग निगम अधिकारियों के आगे फॉगिंग के लिए गुहार लगा रहे हैं। लेकिन निगम में प्रर्याप्त साधन न होने के कारण शहर में सही ढंग स फॉगिंग नहीं हो पा रही है। मच्छरों के लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले क्षेत्रों में निगम के सेहत विभाग द्वारा मच्छरों से लोगों को निजात दिलवाने के लिए हर रोज 4 वार्डों में फॉगिंग करवाई जा रही है। डेंगू का मच्छर साफपानी में पैदा होता है। यह मच्छर दिन के समय लोगों को अपना शिकार बनाता है।

यह न करें 
घर के भीतर या आसपास कूलरों, वाल्टियों, गमलों, पक्षियों के पीने के बर्तनों, फ्रिज की ट्रे, नारियल खोलों आदि में पानी जमा न होने दें। 
टूटे बर्तनों, अनुपयोगी बोतलों, डिब्बों, पुराने टायरों तथा अन्य बेकार वस्तुओं को न फैंकें, बारिश के मौसम में इनमें मच्छर पैदा होते हैं। 
डेंगू बुखार की विशेष दवा नहीं है, स्वयं उपचार न करें एवं डाक्टर से सलाह लें।
एस्पिरिन, डार्डकला का उपयोग न करें। 
डेंगू उपचार के लिए केवल प्लेटलैट्स की गिनती पर निर्भर न रहें।
डाक्टर की सलाह के बिना डेंगू बुखार में अस्पताल में भर्ती होने पर जोर न दें, सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती।  

शहर में मच्छरों की भरमार
शहर में मौसम के बदलाव के बाद मच्छरों की भरमार हुई पड़ी है। कई इलाकों में तो लोगों का जीना मुहाल हुआ पड़ा है। भगतांवाला डम्प के आसपास तो लोग निगम प्रशासन को जमकर कोस रहे हैं एवं संघर्ष का रास्ता अपनाने को तैयार हैं। दिन-प्रतिदिन निगम का तंत्र हो रहा खत्म: निगम के पास दिन-प्रतिदन तंत्र मशीनरी खत्म होती नजर आ रही है। आज से 4 वर्ष पहले निगम के पास फॉगिंग के लिए कई गाडिय़ां थीं व दोपहिया वाहनों से तंग गलियों में फॉगिंग होती थी जोकि अब 4 गाडिय़ों में सिमट गई है। 

डेंगू से बचाव को लेकर ये करें उपाय
पानी से भरे बर्तनों एवं टंकियों को अच्छी तरह ढक कर रखें। 
सभी अनुपयोगी कंटेनरों, कबाड़, टायर एवं नारियल खोलों को नष्ट कर दें। 
हर सप्ताह कूलर को खाली करके सफाई करें। 
डेंगू बुखार के दौरान घर व अस्पताल में मच्छरदानी का उपयोग करें तथा मच्छर के काटने से बचें और डेंगू के संक्रमण को रोकने में सहयोग करें। 
दिन के समय मच्छरों के काटने से बचें। 
दिन के समय पूरी बाजुओं एवं सारे शरीर को कपड़ों से ढकना चाहिए । 
मच्छरों को भगाने वाले यंत्रों का प्रयोग करें। 
बुखार में केवल पैरासिटामोल दवाई का ही उपयोग करें।
बेकार सामान छत पर फैंकने की बजाय नष्ट किया जाए या कबाडि़ए को दिया जाए।  

सेहत विभाग एवं निगम में बंटी जिम्मेदारी 
मच्छरों के डंक से लोगों को बचाने के लिए सेहत विभाग और नगर निगम के सेहत विभाग ने जिम्मेदारी बांट ली है। शहर में फॉगिंग को लेकर निगम एवं सेहत विभाग ने दवाई का छिड़काव करने की जिम्मेदारी बांटी है। निगम ने 85 वार्डों में फॉगिंग को लेकर रोस्टर बना लिया है। 

निगम ने सरकार द्वारा बताई गई दवा खरीदी है व हर रोज 4 वार्डों में फॉगिंग करवाई जा रही है। गाडिय़ां कम हैं फिर भी काम चल रहा है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि फॉगिंग को लेकर किसी प्रकार की ढील न बरती जाए। 
     —डा. अजय कंवर, सेहत विभाग नगर निगम अमृतसर
 

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