अमृतसर को कभी न भरने वाले जख्म दे गया वर्ष 2018

Edited By Vatika,Updated: 01 Jan, 2019 12:11 PM

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19 अक्तूबर 2018 को अमृतसर ट्रेन हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। मौत का यह खौफनाक मंजर जिसने भी देखा उसकी रूह कांप गई थी। हादसे के उपरांत जो तस्वीरें व वीडियो सामने आए वह बेहद डराने वाले थे। देश का यह पहला रेल हादसा था जब रावण दहन देख रहे...

अमृतसर(संजीव): 19 अक्तूबर 2018 को अमृतसर ट्रेन हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। मौत का यह खौफनाक मंजर जिसने भी देखा उसकी रूह कांप गई थी। हादसे के उपरांत जो तस्वीरें व वीडियो सामने आए वह बेहद डराने वाले थे। देश का यह पहला रेल हादसा था जब रावण दहन देख रहे लोगों को एक तेज रफ्तार रेलगाड़ी कुचलती हुई आगे गुजर गई थी। 

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हादसे में 60 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई थी और दर्जनों लोग इस हादसे में घायल हो गए थे। बेशक पंजाब सरकार ने मारे गए लोगों के परिवार को सहायता राशि जारी की मगर यह रेल हादसा अमृतसर को कभी न भरने वाले जख्म दे गया। पंजाब सरकार ने इस रेल हादसे की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन भी किया था। जिसने लगातार 28 दिन की जांच के दौरान रेल हादसे से जुड़े हर पहलू को खंगाला व उसे कलमबद्ध किया। हादसे से जुड़े हर उस व्यक्ति के बयान लिए गए जो इसके बारे में छोटी से छोटी जानकारी भी रखता था।
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इस हादसे का जिम्मेदार कौन हो सकता है। इसे केन्द्र ङ्क्षबदू बना जांच अधिकारी अपनी जांच कर रहे थे। 300 पेज की जांच रिपोर्ट बनाकर पंजाब सरकार को सौंप दी गई। मगर इस हादसे की विडम्बना यह रही कि आज तक इस जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकी जिन्हें इसका जिम्मेदार ठहराया गया। सत्ता एवं विपक्ष ने इस भयानक रेल हादसे के उपरांत कई दिनों तक राजनीतिक रोटियां सेकी मगर आज हादसे के 84 दिन बीत जाने के बाद भी मारे गए लोगों के पारिवारिक सदस्य इंसाफ न मिलने की दुहाई दे रहे हैं। 

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कहां-कहां हुई थी पुलिस की किरकरी
-पुलिस विभाग के ए.आई.जी. रणधीर सिंह उप्पल पर दर्ज हुआ था महिला उत्पीड़ऩ का मामला। 
-पुलिस ने एक अबला महिला को जीप की छत्त पर बिठा गांव में था घूमाया।
-देहाती पुलिस की ट्रकों से डीजल निकलवाने की वीडियों हुई थी वायरल।
-पंजाब पुलिस के हैड कांस्टेबल पकड़े गए थे नशा करते।

गुरु बाजार की लूट से जुड़े कुछ सुलगते सवाल
-कहां चला गया 3.5 करोड़ रुपए का सोना?
-अमृतसर पुलिस क्यों नहीं रिकवर कर पाई एक ग्राम भी सोना?
-क्या प्रेम कुमार एंड सन्ज ज्वैलर्ज की दुकान का बीमा हुआ था?
-क्या ज्वैलर्ज को बीमा कंपनी से लूटे गए सोने का क्लैम मिलेगा?
-क्या पुलिस ने ज्वैलर को जारी की गई है एन.ओ.सी.?
-यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो गुरु बाजार में हुई पंजाब की सबसे बड़ी सोने की लूट से जुड़े हुए हैं, -जिनके जवाब पुलिस की फाइलों के गर्भ में है। 

अमृतसर ने खोया था एक शेर दिल नेता
2 जून 2018 को अमृतसर ने एक शेर दिल नेता को भी खोया था, वे कोई और नहीं गुरदीप पहलवान था जिसे गोलबाग अखाड़े से बाहर निकलते समय कुछ युवकों ने ताबड़-तोड़ गोलियां चला मौत के घाट उतार दिया था। गुरदीप पहलवान एक दिलेर इंसान ही नहीं बल्कि गैंगस्टरों के आगे खड़े होने वाला व्यक्ति भी था, जिसे आखिरकार गैंगस्टरों के हाथों ही मरना पड़ा था। खुफिया एजैंसियों ने पहले ही पुलिस को सतर्क कर दिया था कि किसी भी समय गुरदीप पहलवान पर जानलेवा हमला हो सकता है। बावजूद इसके पुलिस कोई ठोस इंतजाम नहीं कर पाई और गुरदीप को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। यहां यह कहना गलत न होगा कि इसमें पुलिस की एक बड़ी चूक रही थी। 

निरंकारी भवन में हुआ आतंकी हमला 
अमृतसर के गांव अदलीवाल स्थित निरंकारी भवन में हुए आतंकवादी हमले के उपरांत कोहराम मच गया था। भवन में सत्संग सुन रहे श्रद्धालु अपनी जान बचाने को इधर-उधर भागने लगे थे। भवन में हुए इस ग्रेनेड हमले में 3 लोगों ने अपनी जाने गवाई थी जिनमें एक 17 वर्षीय युवक भी शामिल था। इस हमले दौरान 19 लोग घायल भी हुए थे। मरने वालों में निरंकारी भवन में प्रचार कर रहा उनका एक प्रचारक भी था। 1978 के बाद निरंकारी भवन पर हुआ यह दूसरा हमला था, जिसने पंजाब सरकार एवं राज्य की कानून व्यवस्था को पूरी तरह से हिला कर रख दिया था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने इस हमले के दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने निर्देश जारी किए थे। जिसके बाद राज्य की खुफिया एजैंसियों ने 36 घंटों के दौरान हमले में शामिल एक आरोपी बिक्रमजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद इस हमले का मुख्य आरोपी अवतार सिंह भी गिरफ्तार हुआ। सुरक्षा एजैंसियों ने जब गिरफ्तार किए गए आरोपियों से जांच शुरू की तो उसमें पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. का हाथ होना सामने आया, जिसने एक बार फिर पाकिस्तान के नापाक इरादों को बेनाब किया।

सबसे बड़ी लूट में नहीं रिकवर हुआ एक ग्राम भी सोना
देश भर में सोने के व्यापार में अपनी एक पहचान रखने वाली सोना मंडी गुरु बाजार में 15 सितम्बर रात 7.40 मिनट पर 6 लुटेरे 3.5 करोड़ रुपए का सोना लूट ले गए थे। वारदात गुरु बाजार स्थित प्रेम कुमार एंड सन्ज ज्वैलर्ज के शोरूम में हुई। जिसके उपरांत पुलिस कमिश्नर एस.एस. श्रीवास्तव ने लूट के इस मामले को जल्द सुलझाने का दावा किया। पुलिस के हाथ लूट में शामिल सभी गैंगस्टरों की सी.सी.टी.वी. फुटेज भी लगी, मगर आज 116 दिन बीत जाने के बाद लूट के इस मामले की विडम्बना यह रही कि पुलिस इसमें न तो सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर सकी और न ही एक ग्राम तक सोने की रिकवरी कर सकी। यह एक बड़ा सवाल पुलिस की कार्य कुशलता पर ही नहीं बल्कि की अधिकारियों की नियत को भी संदिग्धता के घेरे में खड़ा कर रहा है। यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि 2018 में हुई अमृतसर की बड़ी वारदातों को सुलझाने में पुलिस की भूमिका कुछ ठीक नहीं रही। जिस कारण लोगों में आज खाकी की छवि धुमिल हो रही है। 

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