Edited By swetha,Updated: 20 Mar, 2019 11:10 AM
गुरु नानक देव अस्पताल स्थित बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर सैंटर में उस समय भगदड़ मच गई जब अस्पताल में दाखिल 2 बच्चों को इंजैक्शन का अधिक डोज देने से हालत बिगड़ गई। हालांकि परिवार के सदस्यों द्वारा विरोध करने के उपरांत सीनियर डाक्टरों ने पहुंच कर...
अमृतसर(दलजीत): गुरु नानक देव अस्पताल स्थित बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर सैंटर में उस समय भगदड़ मच गई जब अस्पताल में दाखिल 2 बच्चों को इंजैक्शन का अधिक डोज देने से हालत बिगड़ गई। हालांकि परिवार के सदस्यों द्वारा विरोध करने के उपरांत सीनियर डाक्टरों ने पहुंच कर स्थिति को संभाल लिया। जानकारी के मुताबिक दोनों बच्चे खतरे से बाहर हैं।
जालंधर में रहने वाले बिहार निवासी साजन तथा उनकी पत्नी काजल ने बताया कि अपने 9 माह के बच्चे को इन्फैक्शन थी। उसे उपचार के लिए यहां पर 9 मार्च को दाखिल करवाया गया था। अब तक इलाज ठीक चल रहा था लेकिन मंगलवार को जो नर्स टीका लगाती थी उसने खुद की एक स्टूडैंट को इंजैक्शन लगाने को कह दिया। स्टूडैंट ने जो डोज टीके से 4-5 बार लगती है, उसे एक बार में ही लगा दिया। इसके बाद बच्चे के मुंह से झाग निकलने लगी और उसका पूरा शरीर नीला पड़ गया। उनको लगा कि अब बच्चा नहीं बचेगा जिस दौरान उन्होंने गुस्से में आकर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ विरोध किया।
उसी दौरान सीनियर डाक्टरों ने आकर बच्चे को अपने मुताबिक इलाज शुरू किया। इसी तरह फतेहगढ़ चूडियां रोड इलाके के रहने वाले इंदर ने बताया कि उनके एक माह के बच्चे को भी इन्फैक्शन थी। उसे उन लोगों ने यहां पर 2 मार्च को दाखिल करवाया था। बच्चे के पास उनकी पत्नी गुडिया तथा बहन गीता थी और वे कुछ वक्त के लिए घर चले गए। इसी दौरान उक्त स्टूडैंट ने उनके बच्चे को भी इंजैक्शन का ज्यादा डोज लगा दिया और वह भी पहले वाले बच्चे की स्थिति में आ गया। इसके बाद जब उन लोगों ने बड़े डाक्टर से संपर्क किया तो उसका भी डाक्टरों ने इलाज शुरू किया। अब वह भी खतरे से बाहर है। हालांकि इस संदर्भ में जब मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. शिवचरण से उनके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।