Edited By Updated: 28 Apr, 2016 03:52 PM
पाकिस्तान के सियालकोट में स्थित गुरुद्वारा साहिब बाबे दी बेर की दीवारों पर बने गुरुओं के चित्रों और लिखीं गुरबाणी की ..
अमृतसर: पाकिस्तान के सियालकोट में स्थित गुरुद्वारा साहिब बाबे दी बेर की दीवारों पर बने गुरुओं के चित्रों और लिखीं गुरबाणी की तुकों को लुप्त करने के बाद वहां कलमा (पैगंबर मोहम्मद की प्रशंसा वाले पवित्र शब्द) लिखने का मामला सामने आया है। इस घटना को लेकर वहां के सिखों में भारी रोष है।
गुरुद्वारा साहिब के संस्थापक रणजीत सिंह मसोटा अनुसार सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी से संबंधित इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे की कुल 32 कनाल जमीन से 26 कनाल पर तो पहले ही स्थानीय भूमी -माफिया ने पुलिस और वक्फ बोर्ड की मिलीभगत के साथ कब्जा किया हुआ है। अब यह रहती 6 कनाल जमीन पर भी कब्जा करना चाहते हैं, जिस कारण भारी पुलिस फोर्स की मौजुदगी में गुरुद्वारा साहिब की दीवारों पर कलमा लिखा गया ।
एक पाकिस्तानी सिख ने गुरुद्वारा साहिब की दीवारों पर कलमा लिखें जाने की कार्रवार्इ को अपने फोन में रिकार्ड कर इसकी फुटेज को हर जगह भेज दिया, जिसके बाद पाकिस्तानी सिखों में काफी रोष है। उनका कहना है कि ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब को मुस्लिम दरबार में बदलने के लिए ऐसी हरकत की गई है। उन्होंने इस संबंधित गुरुद्वारा साहिब की देखभाल करने वाले जसकरन सिंह जो तीर्थ यात्रा पर भारत में हैं, उन्हें भी सूचित कर दिया है।
उधर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ का कहना है कि वह पहल के आधार पर इस मुद्दे को पाकिस्तान की गुरुद्वारा प्रबंधक समिति आगे उठाएंगे। उधर वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सिद्दीक -उल -फारूक ने माना है कि मंगलवार को भारी पुलिस फौर्स की हाजिरी में गुरुद्वारा साहिब की दीवारों पर कलमा लिखा गया है लेकिन उन्होंने गुरुद्वारा साहिब को मुस्लिम दरबार में बदले जाने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। वहीं पाकिस्तानी सिखों की मांग पर आज सियालकोट के तहसीलदार, पटवारी और वक्फ बोर्ड के आधिकारियों ने उक्त स्थान का दौरा किया और इस मामले का हल ढूंढने का आश्वासन दिलाया।