जी.एस.टी. कलैक्शन में हरियाणा के मुकाबले पिछड़ा पंजाब

Edited By swetha,Updated: 10 Oct, 2018 04:22 PM

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पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल जी.एस.टी. लागू होने के बाद राज्य के राजस्व में घाटा होने की बात कह रहे हैं परंतु पंजाब में जी.एस.टी. विभाग की ढीली कार्यप्रणाली के चलते जी.एस.टी. कलैक्शन के मामले में पंजाब अपने पड़ोसी राज्य हरियाणा के मुकाबले बुरी...

अमृतसर(इंद्रजीत): पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल जी.एस.टी. लागू होने के बाद राज्य के राजस्व में घाटा होने की बात कह रहे हैं परंतु पंजाब में जी.एस.टी. विभाग की ढीली कार्यप्रणाली के चलते जी.एस.टी. कलैक्शन के मामले में पंजाब अपने पड़ोसी राज्य हरियाणा के मुकाबले बुरी तरह पिछड़ता नजर आ रहा है। पंजाब में छोटे और बड़े 2.30 लाख इंडस्ट्रीयल यूनिट हैं और 3.78 लाख जी.एस.टी. रजिस्टर्ड डीलर हैं। इसके बावजूद पंजाब की जी.एस.टी. कलैक्शन 987 करोड़ रुपए है जबकि हरियाणा में छोटे-बड़े 1,60,525 इंडस्ट्रीयल यूनिट और 3.45 लाख जी.एस.टी. रजिस्टर्ड डीलर होने के बावजूद हरियाणा का जी.एस.टी. कलैक्शन 1355 करोड़ रुपए प्रति महीना है।

पंजाब में जी.एस.टी. कम होने के कारण 
*यह मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है और कोई पक्का मंत्री न होने के कारण कामकाज पर प्रभाव पड़ता है।

* पंजाब में धान और गेहूं पर जी.एस.टी. नहीं है।

*विभागीय अधिकारियों की टैक्स चोरों के साथ मिलीभगत कारण टैक्स कम है।

*पंजाब में व्यापार लायक माहौल न होने के कारण भी टैक्स में कमी है।

पंजाब की प्रति व्यक्ति औसत कलैक्शन राष्ट्रीय औसत से कम
हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर भी वित्त मंत्रालय जी.एस.टी. की कम कलैक्शन को लेकर परेशान है और जी.एस.टी. से आमदन बढ़ाने पर विचार हो रहा है परंतु देश में मौजूदा तौर पर जी.एस.टी. द्वारा हो रही आमदन के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि पंजाब की अफसरशाही राज्य में जी.एस.टी. द्वारा पूरी आमदन हासिल करने में नाकाम रही है। देश में जी.एस.टी. की पिछले 4 महीनों की औसत कलैक्शन 94,293 करोड़ रुपए प्रति महीना है और देश की आबादी के लिहाज के साथ प्रति व्यक्ति जी.एस.टी. 712 रुपए बैठती है जबकि पंजाब में प्रति व्यक्ति जी.एस.टी. कलैक्शन 352 रुपए है और पंजाब हर महीने औसतन 987 करोड़ रुपए का टैक्स ही इकट्ठा कर रहा है। पंजाब के मुकाबले यदि हरियाणा के साथ टैक्स कलैक्शन के आंकड़ों की तुलना की जाए तो हरियाणा की जी.एस.टी. से आमदन 1355 करोड़ रुपए प्रति महीना है। 

 पंजाब की राजस्व प्रणाली को मुख्यमंत्री की व्यस्तता के कारण नुक्सान हो रहा है। टैक्स माफिया और चंद विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से भारी राजस्व की क्षति हो रही है। विभागीय अधिकारियों की तबदीलियों में काम करने वाले अधिकारियों को खुड्डे लाइन लगाया गया है। मुख्यमंत्री को गलत जानकारी दी जा रही है। यदि इस पर मुख्यमंत्री कठोरता से एक्शन लें तो एक वर्ष में पंजाब अपने लक्ष्य तक पहुंच सकता है।     - बादिश जिंदल, प्रधान फोपसिया

राजस्व में भारी कमी आ रही है और इसमें कई प्रकार के तथ्य सामने आ रहे हैं। पंजाब को हर हालत में आगे बढ़ाया जाएगा और टैक्स के मामले में सभी नैक्सस तोड़े जाएंगे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पंजाब को आगे बढ़ाने के लिए भारी प्रयास कर रहे हैं और संदिग्ध मामले मुख्यमंत्री के ध्यानार्थ लाए जाएंगे। कोताही करने वाले विभागीय अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।     - गुरजीत सिंह औजला, सांसद

पंजाब का राजस्व कम आ रहा है। इसके लिए हर तरह से आकलन किए जा रहे हैं और इसके कारणों को भी देखा जा रहा है। वास्तविक तौर पर एक समस्या यह भी है कि जी.एस.टी. कानून की नीतियां निर्धारित केन्द्र की ओर से की जा रही है, जिसमें प्रदेशों की कई चीजों को नजरअंदाज किया जाता है किन्तु फिर भी पंजाब में रैवेन्यू को बढ़ाने के लिए विभाग और नई नीतियां बना रहा है जिससे प्रदेश का रैवेन्यू बढ़ेगा। 
- एम.पी. सिंह, मुख्य आयुक्त कर एवं आबकारी, वित्त सचिव राजस्व पंजाब

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