महानगर में तेजी के साथ फल-फूल रहा है, दड़ा-सट्टे का कारोबार

Edited By Mohit,Updated: 23 Jan, 2019 03:22 PM

gambling in amritsar

महानगर अमृतसर में दड़ा-सट्टे का कारोबार बहुत तेजी के साथ फल-फूल रहा है परन्तु जिला पुलिस प्रशासन आए दिन इस धंधे में शामिल बड़े मगरमच्छों को पकडऩे की जगह पर उनके करिंदों पर पर्चा दर्ज करके खानापूॢत कर रहा है। ये धंधा करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ...

अमृतसर (बौबी): महानगर अमृतसर में दड़ा-सट्टे का कारोबार बहुत तेजी के साथ फल-फूल रहा है परन्तु जिला पुलिस प्रशासन आए दिन इस धंधे में शामिल बड़े मगरमच्छों को पकडऩे की जगह पर उनके करिंदों पर पर्चा दर्ज करके खानापूॢत कर रहा है। ये धंधा करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस जो धाराएं और पर्चा दर्ज करती है उसकी मौके पर ही जमानत हो जाती है, जिस को लेकर यह कारोबार करने वालों का खौफ खत्म हो रहा है और वह जमानत पर छूट कर इस करोबार को फिर करने लगते हैं।

जानकारी के अनुसार जो लोग यह धंधा करते हैं यदि वह पुलिस की आओ भक्त नहीं करते तो तब पुलिस कार्रवाई करती है की पुलिस वाले उनके साथ कम नहीं करती उस के पर्चे में आई.पी.सी. की धारा 420 लगा दी जाती है। इस धारा की जमानत माननीय अदालत द्वारा ही होती है। शहर में चला रहे वही दड़ा-सट्टे के सरगना को पुलिस पकडऩे में असफल सिद्ध हो रही है।

मजदूरी करने वाले भी लगाते हैं सट्टा
शहर में यह भी देखने को मिला है कि जो व्यक्ति मेहनत-मजदूरी करता है वह भी यह सट्टा लगाता है। कुछ आटो चलाने वाले, रेहडिय़ों वाले, रिक्शा चालक और अन्य मजदूरी करने वाले व्यक्ति भी अपनी दिहाड़ी में से कुछ पैसों का दड़ा-सट्टा लगा कर खून पसीने के साथ कमाए हुए पैसों के साथ सट्टा लगाते हैं।

1 के मिलते हैं 90 रुपए
दड़ा-सट्टा लगाने वालों का हारना लगभग तय होता है, क्योंकि 99 में से 98 घर दड़़ा- सट्टा की पर्ची लिखने वाले के होते हैं। दड़ा- सट्टा लगाने वाले को उसका बताया नंबर निकलने पर 1 रुपए के 90 रुपए मिलते हैं। यही लालच लोगों को यह खेल खेलने के लिए मजबूर कर रहा है।

कारिंदों को मिलती है 10 प्रतिशत कमीशन
शहर में दड़ा-सट्टा लिखने वाले जो करिंदे हैं उनको रकम की 10 प्रतिशत कमीशन मिलती है, जिसमें पैसे लेने-देने की जिम्मेदारी ऐसे होती है। कोई हारे, कोई जीते करिंदे को 1 लाख रुपए की सेल पीछे 10 हजार रुपए मिलने तय हैं।

इन स्थानों पर चलता है दड़ा-सट्टे का कारोबार
शहर में गुच्चरपुरा, अनगढ़, ढप्पई, मकबूलपुरा, कोट खालसा, गेट हकीम, गिलवाली गेट, मोहकमपुरा, छहर्टा, पुतलीघर, नया कोट, इस्लामाबाद में दड़ा-सट्टे का कारोबार जोर-शोर पर चलता है। शहर के हरेक नागरिक को पता है कि उक्त क्षेत्रों में दड़ा-सट्टा लगता है परन्तु पुलिस प्रशासन के पर यह प्रश्न चिन्ह लगता है कि वह उक्त क्षेत्रों में पुलिस आए दिन पर्चे तो दर्ज करती है परन्तु यह कारोबार चलाने वाले सरगना को पुलिस पकडऩे में गंभीर नहीं है। इस कारोबार की जड़े अब शहर के पाश क्षेत्रों में भी फैलनी शुरू हो गई हैं।

बुजुर्गों, महिलाओं, स्कूली बच्चों और युवकों पर भी पड़ रहा है इसका प्रभाव
आज कल लोग काम न करने की नीयत को लेकर कुछ चंद पैसों के साथ दडा सट्टा लगा कर गलत दिशा में जा रहे हैं। जब भी इस दडा सट्टे का कोई भी बुजुर्ग, महिलाएं, स्कूली बच्चे या फिर नौजवान इस का लाभ उठाते हैं कि वह बल्कि ओर लालच में आ कर इस दल दल में फंसते ही देखे जा रहे हैं। स्कूली बच्चे भी इस बुरे काम में फंसते नजर आ रहे हैं, जिनको समझाने के लिए आज तक किसी ने भी कोई विशेष कैंप लगा कर इस बुरे काम से दूर हटने के लिए प्रेरित नहीं किया। कुछ स्कूली बच्चे सुबह स्कूल जाने लगा अपने माता पिता से जेब खर्च के लिए जो पैसे लेते हैं वह पैसे अपना खाने पीने के लिए खर्च करने की बजाय ज्यादा पैसे जेब में रखने के लिए दडा सट्टा लगाते हैं। स्ट्टा लगाने के बाद उस के परिणाम का इन्तजार में उनका सारा ध्यान उधर ही रहता है, जिस के साथ उनकी पढ़ाई का भी काफी नुक्सान होने के कारण बच्चे पढ़ाई में पीछे रह रहे हैं, जिस के साथ किसी भी मां को पता भी नहीं है कि उनके बच्चे इस धंधो में छोटी उम्र में ही पड़ गए हैं, जिस के नतीजे आने वाले समय में भयानक होंगे।

कइयों के घर उजाड़ दिए दड़ा-सट्टे के खेल ने दड़ा-सट्टा लगाने वाले कई लोगों के तो घर भी उजड़ चुके हैं। जो लोग इस धंधों में लाभ लेते हैं वह लालच में आकर बड़ा कर पैसे लाने के साथ अपनी जमापूंजी भी खत्म कर बैठते हैं और उसके बाद घर में लड़ाई का दौर शुरू हो जाता है। घर का राशन लेने जाने वाला आदमी जब राशन लेने की बजाय दड़ा- सट्टा लगा कर घर जाता है तो उस घर में झगड़ा शुरू हो जाता है। यहीं कारण है कि कइयों के घर इस दड़ा-सट्टे के खेल ने तबाह करके रख दिए हैं।

सरगना को पकडऩे के लिए अभी तक कोई भी शिकायत नहीं आई : ए.डी.सी.पी.
इस संबंधी जब ए.डी.सी.पी.सिटी-1 के जगजीत सिंह वालिया ने कहा कि दड़ा-सट्टे का कारोबार करने वालों पर आए दिन पर्चे दर्ज हो रहे हैं। पुलिस अपना काम बहुत मुश्तैदी के साथ कर रही है। जो भी इस कारोबार में शामिल पाया जाता है उसके खिलाफ पर्चा दर्ज किया जाता है। कई पर्चे गुप्त सूचना के आधार पर छापामारी दौरान कर्मचारियों पर पर्चा दर्ज किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस कारोबार के सरगना को पकडऩे के लिए अभी तक कोई भी शिकायत नहीं आई है। यदि कोई गुप्त सूचना के आधार पर बताएगा तो फिर ही पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। वालिया ने कहा कि थाना प्रभारियों को आदेश दिए जाएंगे कि दड़ा-सट्टा कारोबार करने वालों के खिलाफ सिकंजा कसा जाए।

गैंगस्टरों की भी है हिस्सेदारी
दड़ा-सट्टा का अवैध कारोबार में कुछ गैंगस्टरों के दबाव तले चल रहा है। जो भी गैंगस्टर अपने क्षेत्र में प्रभाव रसूख रखता है वह इस अवैध कारोबार में अड़चन डाल कर अपनी हिस्सेदारी अपनाता है। यदि इस धंधे में गैंगस्टर को हिस्सा नहीं दिया जाता है तो वहां खून-खराबा होने के असार बन जाते हैं। परन्तु इस धंधे के साथ जुड़े कारोबारी अपना नुक्सान होने से बचाव के लिए यह हिस्सा गैंगस्टरों तक पहुंचाते हैं।

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