बी.ओ.पी. रियर कक्कड़ के किसान तस्करों को नहीं पुलिस का खौफ

Edited By swetha,Updated: 12 Jul, 2018 03:55 PM

drug smuggling

एकतरफ जहां डी.सी. कमलदीप सिंह संघा, आई.जी. बार्डर रेंज एस.पी.एस. परमार, पुलिस कमिश्नर एस.एस. श्रीवास्तव व एस.एस.पी. परमपाल सिंह की तरफ से अमृतसर जिले में चिट्टे की तस्करी करने वालों व इसका प्रयोग करने वालों के खिलाफ एक जबरदस्त अभियान चलाया जा रहा है...

अमृतसर(नीरज): एकतरफ जहां डी.सी. कमलदीप सिंह संघा, आई.जी. बार्डर रेंज एस.पी.एस. परमार, पुलिस कमिश्नर एस.एस. श्रीवास्तव व एस.एस.पी. परमपाल सिंह की तरफ से अमृतसर जिले में चिट्टे की तस्करी करने वालों व इसका प्रयोग करने वालों के खिलाफ एक जबरदस्त अभियान चलाया जा रहा है जिसमें खुद आई.जी., डी.सी., पुलिस कमिश्नर व एस.एस.पी. पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ गांव-गांव जाकर व शहरों के नशा प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों के साथ बैठकें कर रहे हैं और नशा बेचने वालों व प्रयोग करने वालों की तलाश की जा रही है तो वहीं सीमावर्ती इलाकों में किसान के वेश में छिपे चिट्टे के तस्करों को पंजाब सरकार व पुलिस की तरफ से चलाए जा रहे इस अभियान का कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। 
 

इसका बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि पुलिस थाना लोपोके के अंतर्गत क्षेत्र व बी.एस.एफ. की बी.ओ.पी. रियर कक्कड़में लगातार 3 बार एन.सी.बी. व बी.एस.एफ. ने ज्वाइंट ऑप्रेशन करके फैंसिंग के पार खेती करने वाले किसानों के ट्रैक्टर के कलपुर्जों में हैरोइन की खेप को पकड़ा है। ट्रैक्टर के साथ लगने वाली ऑयरन फट्टियों में इस खेप को आधा-आधा किलो के पैकेट्स में बंद करके ठंूसा गया था ताकि फैंसिंग के पार खेती करने के बाद इसको ट्रैक्टर के साथ जोड़कर भारतीय सीमा में ले जाया जा सके और बी.एस.एफ. को चकमा दिया जा सके। किसान रूपी तस्कर की इस तीसरी कोशिश से यह पता चल रहा है कि बी.ओ.पी. रियर कक्कड़ के तस्करों को पंजाब सरकार के नशा विरोधी अभियान का कोई खौफ नहीं है, जबकि बार्डर फैंसिंग के दोनों ही तरफ इस समय धान की फसल खड़ी नहीं है। बावजूद इसके बी.ओ.पी. रियर कक्ड़ के इलाके में चिट्टे के तस्कर अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए है।

3.300 किलो हैरोइन के मामले में 2 किसानों को नोटिस
एक जुलाई 2018 को बी.एस.एफ. व एन.सी.बी. की तरफ से चलाए गए ज्वाइंट ऑप्रेशन में 3.300 किलो हैरोइन पकड़े जाने के मामले में एन.सी.बी. ने 2 किसानों को ट्रेस करके उनको नोटिस भेजा है जो इस समय अंडरग्राऊंड चल रहे हैं लेकिन इस नोटिस को भी किसान रूपी तस्करों पर कोई असर नहीं पड़ा और 9 जुलाई की रात को फिर से वही हैरोइन की खेप और वही ट्रैक्टर की ऑयरन फट्टियों में छिपाकर भेज दी जाती है जो साबित कर रही है कि दाल में कुछ न कुछ काला जरूर है।

एफ.आई.आर. दर्ज करके पल्ला झाड़ लेती है सीमावर्ती इलाके की पुलिस
एकतरफ जहां केंद्र सरकार की खुफिया एजैंसियां स्टॉफ कम होने के बावजूद बी.एस.एफ. की तरफ से पकड़े गए हैरोइन के केसों की जांच करने में जुटी हुई हैं तो दूसरी तरफ सीमावर्ती इलाकों के पुलिस मुखी एफ.आई.आर. दर्ज करके हैरोइन तस्करी के इन केसों से पल्ला झाड़ लेते हैं। पुलिस चाहे तो सीमावर्ती इलाके के तस्करों की पूरी की पूरी चेन को पकड़ सकती है। हालांकि मौजूदा समय में आई.जी. बार्डर रेंज 3-4 पुलिस अधिकारियों को सस्पैंड कर चुके हैं और कुछ को चेतावनी दी जा चुकी है।

पाकिस्तानी मालगाड़ी में पकड़ी हैरोइन का केस भी ठंडे बस्ते में
कस्टम विभाग की तरफ से अटारी रेलवे स्टेशन पर पाकिस्तान से आई मालगाड़ी में पकड़ी गई हैरोइन की केस भी ठंडे बस्ते में है और अभी तक इस केस में कोई भी तस्कर पकड़ा नहीं गया है। बल्कि इसी मालगाड़ी की बोगियों में डी.आर.आई. की तरफ से 22 किलो हैरोइन पकड़ी गई और 2 कुलियों के अलावा पंजाब पुलिस के सब-इंस्पैक्टर मोदे निवासी कुख्यात तस्कर रणजीत सिंह उर्फ राणा को गिरफ्तार किया गया था, जो जेल से बेल मिलने के बावजूद एस.टी.एफ. की तरफ से 10 किलो हैरोइन के साथ रंगे हाथों पकड़ा जा चुका है।

 

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