Edited By swetha,Updated: 13 Jun, 2019 08:51 AM
हत विभाग द्वारा गैरकानूनी ढंग से चलने वाले जीवन जागृति नाम के एक नशा छुड़ाओ केंद्र का पर्दाफाश किया है।
अमृतसर(दलजीत): सेहत विभाग द्वारा गैरकानूनी ढंग से चलने वाले जीवन जागृति नाम के एक नशा छुड़ाओ केंद्र का पर्दाफाश किया है। उक्त केंद्र में 26 मरीजों को 2 कमरों में कैद करके रखा हुआ था। यदि कोई मरीज केंद्र से बाहर जाने की बात करता था तो उस पर शारीरिक अत्याचार किए जाते थे। विभाग ने सैंटर को सील करके 26 युवा मरीजों को छुड़ा कर सरकारी स्वामी विवेकानंद नशा छुड़ाओ केंद्र में दाखिल करवा दिया है। सिविल सर्जन डा. हरदीप सिंह घई ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि जीवन जागृति नाम से चलने वाला नशा छुड़ाओ केंद्र बिना रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट से मानांवाला स्थित गांव राजेवाल में चल रहा है।
एस.डी.एम. विकास हीरा सहित सहायक सिविल सर्जन डा. किरनदीप कौर, सीनियर मैडीकल अधिकारी सी.एच.सी. मानांवाला डा. निर्मल सिंह और मास मीडिया अधिकारी अमरदीप सिंह के नेतृत्व में एक टीम बनाकर मौके पर भेजी गई। टीम की छापेमारी के दौरान मौके से केंद्र का मालिक फरार हो गया। वहां 2 कमरों में से 26 युवकों को बरामद किया गया। टीम द्वारा की गई पूछताछ दौरान पीड़ित युवकों ने बताया कि केंद्र में उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता था और खाना भी ठीक क्वालिटी का नहीं दिया जाता था, यदि कोई मरीज बातचीत करता तो उस पर शारीरिक अत्याचार किया जाता था। विभाग ने सैंटर को मौके पर ही सील कर दिया।
डा. घई ने बताया कि जांच करने पर पाया गया कि सैंटर के पास रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट नहीं था और न ही पंजाब सरकार द्वारा कोई मंजूरी थी। सैंटर मालिक द्वारा इसको गैरकानूनी ढंग के साथ चलाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि सैंटर विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को लिख दिया गया है। डा. घई ने लोगों से अपील की कि सरकारी नशा छुड़ाओ केन्द्रों में नशा छोड़ने के इच्छुक मुफ्त इलाज करवा सकते हैं। वे गैरकानूनी नशा छुड़ाओ केन्द्रों के झांसे में न आएं।
इलाज के साथ-साथ करंट लगा कर किया जाता था प्रताड़ित
स्वामी विवेकानंद नशा छुड़ाओ केंद्र में पहुंचे युवकों ने आरोप लगाया कि उनको इलाज के साथ-साथ करंट लगा कर प्रताडि़त किया जाता था। केंद्र में मौजूद सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा थप्पड़ मारने की बात तो आम थी। जब कोई अपने पारिवारिक सदस्यों को आपबीती बारे बताता तो बाद में उसे डंडों के साथ पीटा जाता था।
गांव राजेवाला में पहले भी पकड़ा जा चुका है गैरकानूनी नशा छुड़ाओ केंद्र
सेहत विभाग द्वारा नाजायज तौर पर गांव राजेवाला में पहले भी एक नशा छुड़ाओ केंद्र पर छापामारी की गई थी। गैरकानूनी काम करने वाले लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे विभाग की कार्रवाई के बाद दोबारा नशा छुड़ाओ केंद्र खोल लेते थे। सेहत विभाग द्वारा पिछले एक साल दौरान राजेवाल, खानकोट, प्रताप नगर में चलने वाले नशा छुड़ाओ केन्द्रों पर छापामारी कर उन्हें सील किया गया है।