डेंगू के कहर से लोगों में दहशत: जिले में मरीजों की संख्या हुई 100 से अधिक

Edited By Vatika,Updated: 16 Oct, 2019 10:49 AM

dengue fever viral

डेंगू के कहर को देखते हुए लोग दहशत में है। गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 100 से अधिक हो गई है

अमृतसर(दलजीत): डेंगू के कहर को देखते हुए लोग दहशत में है। गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 100 से अधिक हो गई है जबकि 2 लोगों की उक्त बीमारी से मौत भी हो गई है। अक्तूबर के आखीर तक डेंगू का डंक इसी तरह लोगों को अपने जाल में फंसाता रहेगा और लोगों को परेशान करेगा। वहीं सेहत विभाग डेंगू को लेकर जहां अब लोगों को जागरूक कर रहा है।

वहीं सरकारी अस्पतालों में बीमारी के इलाज संबंधी पुख्ता संबंध न होने के कारण लोग प्राइवेट अस्पताल में जाने के लिए मजबूर है। जानकारी के अनुसार डेंगू मच्छर साफ पानी में लारवा पैदा करते हैं। पिछले साल डेंगू के 697 मरीज सामने आए थे जबकि 3 लोगों की मौत हुई थी। इस बार गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार मरीजों की संख्या 100 से अधिक हो गई है तथा 2 लोगों को इस बीमारी का शिकार होना पड़ा है। डेंगू मच्छर 16 से 25 डिग्री तक अपना आतंक फैलाता है। इस बार सर्दी देरी से आने के कारण डेंगू दिन-प्रतिदिन अपने ढंग से लोगों को जकड़ रहा है। सेहत विभाग द्वारा बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है लेकिन जिला स्तर पर गुरु नानक देव अस्पताल में डेंगू के लिए बनाई गई वार्ड में पर्याप्त प्रबंध न होने के कारण मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। सेहत विभाग की माने तो अभी तक डेंगू के मरीजों की संख्या 95 है जबकि मौत कोई नहीं हुई है परन्तु गैर सरकारी आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो जिले के प्राइवेट अस्पताल डेंगू के मरीजों से भरे पड़े है। डेंगू को देखते हुए लोगों में दहशत है तथा सरकारी अस्पताल में प्रबंध न होने के कारण वह प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाने के लिए मजबूर है। 

प्राइवेट लैबोरेटरियां डेंगू के नाम पर कर रही हैं मोटी कमाई
डेंगू की दहशत में आए लोगों की मजबूरी का जिले की कुछ प्राइवेट लैबोरेटरियां खूब फायदा उठा रही है। डेंगू के टैस्ट के नाम पर मनमर्जी का रेट वसूले जा रहे है। सेहत विभाग इस संबंधी अवगत होते हुए भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। सेहत विभाग द्वारा सरकारी अस्पतालों में डेंगू का टैस्ट मुफ्त किया जाता है परन्तु अस्पतालों में परेशानी को देखते हुए अधिकतर लोग प्राइवेट लैबोटरियों से यह टैस्ट करवा रहे है। कई लोगों ने तो यहां तक बताया कि लैबारेेटरियों की डेंगू संबंधी रिपोर्ट में भी काफी अंतर होता है। 

यह हैं लक्षण
बुखार आना, सिर दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द रहना, कमर में दर्द होना, उल्टी आना, शरीर के किसी भी अंग से खून आना, कमजोरी आना इत्यादि लक्षण सामने आने पर डेंगू का संकेत हो सकता है।

प्लेटलेट अकाऊंट बनाने वाली मशीन खराब
सेहत विभाग डेंगू के इलाज के लिए दावे तो बहुत करता है परन्तु असलियत में यह दावे सच्चाई से कोसों दूर है। विभाग के पास जिले में एक ही प्लेट लेट अकाऊंट बनाने वाली मशीन है जबकि वह भी तकनीकी कारणों कारण पिछले कुछ दिनों से खराब है। डेंगू के मरीजों के परिजनों को प्लेट लेट के लिए गुरु नानक देव अस्पताल या प्राइवेट ब्लड बैंकों पर निर्भर होना पड़ रहा है। प्राइवेट ब्लड बैंक वाले इस संबंधी मरीजों से मोटे पैसे वसूल कर रहे हैं। 

ये कहना है सिविल सर्जन का
सिविल सर्जन डा. हरदीप सिंह घई ने कहा कि डेंगू को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। डा. घई ने दावा किया कि सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी का मुफ्त इलाज तथा टैस्ट किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक जिले में कोई मौत नहीं हुई है। विभाग की टीमें लगातार डेंगू के संबंध में मीटिंगें करके लोगों तक सुविधा मुहैया करवा रही हैं।

 

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