Edited By Anjna,Updated: 24 Mar, 2019 10:13 AM
नगर निगम के बजट 2019-20 की बैठक 25 मार्च को की जा रही है। इस संबंधी तैयारियों को मुकम्मल करते हुए पार्षदों और अधिकारियों तक बजट का एजैंडा पहुंचा दिया गया है।
अमृतसर (वड़ैच): नगर निगम के बजट 2019-20 की बैठक 25 मार्च को की जा रही है। इस संबंधी तैयारियों को मुकम्मल करते हुए पार्षदों और अधिकारियों तक बजट का एजैंडा पहुंचा दिया गया है। पंजाब सरकार के 100 करोड़ की ग्रांट सहित साल 2018-19 का बजट 512 करोड़ पेश किया गया था जबकि साल 2019-20 के लिए अनुमानित बजट 512 करोड़ पेश किया गया था जबकि साल 2019-20 के लिए अनुमानित बजट 451 करोड़ तैयार किया गया है वहीं 83 करोड़ का रिकवरी टारगेट तैयार किया गया है। जिसमें सरकार द्वारा मिलने वाली ग्रांट शामिल नहीं है। पूर्व मेयर बख्शी राम अरोड़ा के समय साल 2017-18 में निगम का बजट 354 करोड़ था हरेक आए साल में विभागों के टारगेट बढ़ा कर दिए जाते हैं, परन्तु हरेक विभाग टारगेट पूरे करने में हमेशा पीछे रह जाते हैं और हाऊस में बजट पेश करने के दौरान मेयर, कमिश्नर, हाऊस के पार्षदों द्वारा अधूरे टारगेट वालों पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है।
नए बजट में स्टाफ का खर्च 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 59 प्रतिशत स्टाफ, 3 प्रतिशत अचानक खर्च और 38 प्रतिशत विकास पर खर्च किए जाने का अनुमान है। पिछले साल के बजट के दौरान निगम रिकार्ड मुताबिक 31 दिसम्बर 2018 तक बजट 55 प्रतिशत ही अचीव किया गया है।
टारगेट के आसपास भी नहीं नजर आए विभाग
अलग-अलग विभागों को दिए टारगेट को कोई भी विभाग पूरा नहीं कर सका है। विभाग टारगेट के आसपास भी नहीं नजर आ रहे हैं। प्रॉपर्टी टैक्स के 43 करोड़ के टारगेट में अब तक सिर्फ 22 करोड़ तक ही पुहंचा है जबकि नया टारगेट 40 करोड़ किया गया है। पानी और सीवरेज विभाग ने 35 करोड़ के टारगेट से अब तक केवल 13 करोड़ ही इक_ा किया, नया टारगेट 35 करोड़ है। इसी तरह 12 दिसम्बर 2018 के आंकड़ों से मुताबिक एक्साइज ड्यूटी के टारगेट 14 करोड़ से 4.74 करोड़, विज्ञापन के 12 करोड़ से 5.92 करोड़, लाइसैंस फीस के टारगेट 1.50 करोड़ से 26.62 लाख, स्कैवेजिंग फीस के 3 करोड़ से 46.60 लाख, बिल्डिंग फीस के टारगेट 5 करोड़ से 2.83 करोड़, बिल्डिंग कम्पोजीशन फीस के 12 करोड़ से 3.2 करोड़ ही आए हैं।
विभागों के नए टारगेट
2019-20 में प्रॉपर्टी टैक्स विभाग को 40 करोड़, पानी और सिवरेज को 35 करोड़, एक्साइज ड्यूटी के लिए 15 करोड़, विज्ञापन के लिए 16 करोड़, लाइसैंस फीस के लिए 2.50 करोड़, बिल्डिंग फीस के लिए 5 करोड़, कम्पोजीशन फीस के लिए 12 करोड़ के टारगेट दिए गए हैं।
गठबंधन ने निगम को किया था कंगाल : मेयर
मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू ने कहा कि टैक्स, बिलों की रिकवरी में काफी ग्राफ बढिय़ा है। पिछले गठबंधन के हाऊस ने निगम को कंगाल कर दिया था। कमिश्नर सोनाली गिरि और अधिकारियों द्वारा रिकवरी के लिए किया काम प्रशंसनीय है। पहले की अपेक्षा निगम आॢथक तौर पर मजबूत हुआ है। कांग्रेस की देख-रेख वाला निगम हाऊस दूसरे साल शहर वासियों के लिए सुविधाओं का पिटारा लेकर आएगा और शहर के विकास कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
आमदन इकट्ठी करने के कमाऊ विभाग
जनरल साइड की आमदन के लिए अलग-अलग कमाऊ विभाग हैं। इन विभागों में प्रॉपर्टी टैक्स, विज्ञापन, लाइसैंस फीस, बिजली बिलों की चुंगी, बिल्डिंग फीस और डिवैल्पमैंट चाॢजस, स्लॉटर हाऊस, पानी और सिवरेज विभाग, तहबजारी और स्ट्रीट वैंङ्क्षडग सहित संपत्ति सेल आदि सहित सरकार से मिलने वाला अनुदान निगम का आसरा बनेगा।
पूरे साल शहर के लोग विकास कार्यों का इंतजार करते दिखे
पिछले साल के बजट दौरान कुल बजट का 47 प्रतिशत शहर के विकास कार्यों के लिए खर्च होना रखा गया था परन्तु लगभग पूरे साल शहर के लोग विकास कार्यों का इंतजार करते देखे गए। चुनाव आचार संहिता से पहले वार्डों में कुछ समय उद्घाटनों का दौर चला। माल रोड, एक साल से अधिक समय से अधूरी पड़ी मजीठा रोड सहित अन्य खस्ताहालत सड़कों का विकास न होने के जीवित सबूत हैं। स्ट्रीट लाइटों के लिए भी कुछ महीने पहले पार्षद परेशान होते देखे जा रहे हैं।