Edited By swetha,Updated: 10 Dec, 2019 12:06 PM
केंद्रीय जेल फताहपुर में काला पीलिया का खतरा मंडरा रहा है। जेल में बंद 50 कैदी काले पीलिया की चपेट में हैं। सेहत विभाग की तरफ से जा रही स्क्रीङ्क्षनग में उपरोक्त संख्या बढऩे के आसार हैं।
अमृतसर(दलजीत): केंद्रीय जेल फताहपुर में काला पीलिया का खतरा मंडरा रहा है। जेल में बंद 50 कैदी काले पीलिया की चपेट में हैं। सेहत विभाग की तरफ से जा रही स्क्रीङ्क्षनग में उपरोक्त संख्या बढऩे के आसार हैं। विभाग द्वारा कैदियों की भलाई के लिए जहां मुफ्त दवाएं और टैस्ट किए जा रहे हैं, वहीं कैदियों की रोजाना माहिर स्टाफ द्वारा कौंसलिंग की जा रही है।
जानकारी के अनुसार काला पीलिया नशे का सेवन करने वाले नौजवानों में अधिक तौर पर होता है। काला पीलिया का यदि समय पर इलाज न करवाया जाए तो लिवर को डैमज करके यह मरीज को मौत की नींद सुला देता है। सिविल सर्जन डा. प्रभदीप कौर जौहल ने बताया कि जेल में 2000 से अधिक कैदी बंद हैं। जिनमें कई कैदी ऐसे हैं जो नशों का सेवन करते रहे हैं। इन कैदियों में से कई मरीज काले पीलिया की लपेट में हैं। विभाग द्वारा इन कैदियों की भलाई के लिए जेल में स्क्रीङ्क्षनग कैंप लगाए जा रहे हैं और मुफ्त इलाज किया जा रहा है। पहले पड़ाव के अंतर्गत की स्क्रीङ्क्षनग में 50 के करीब कैदी बीमारी के शिकार पाए गए हैं जबकि और संख्या बढऩे के आसार हैं। इन कैदियों को तीन माह का कोर्स मुफ्त तौर पर सेहत विभाग द्वारा करवाया जा रहा है, चाहे यह कैदी जमानत या सजा खत्म होने पर घर भी चले जाते हैं तो उपरोक्त समय की दवा उनके घर के नजदीक ही मुफ्त मिलेगी। डा.जौहल ने बताया कि पंजाब सरकार कैदियों की सेहत को लेकर काफी गंभीर है, इसीलिए समय समय पर कैदियों की सुविधा के लिए अलग-अलग बीमारियों के स्क्रीङ्क्षनग कैंप आयोजन किए जाते हैं। डा. जौहल ने बताया कि 50 हजार के करीब काले पीलिया की तीन माह की दवा मरीजों को मुफ्त दी जा रही है। डा.जोहल ने बताया कि जिला स्तरीय सिविल अस्पताल में भी दूसरे मरीजों की सुविधा के लिए मुफ्त दी जा रही है।