Edited By Updated: 28 Sep, 2016 05:47 PM
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ अब अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं।
चंडीगढ़: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ अब अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं।। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत दौरान कहा कि उनका 10 वर्ष 11 माह का कार्यकाल काफी अच्छा रहा। इस दौरान उन्होंने काफी धर्म प्रचार किया। उन्होंने भष्ट्राचार पर भी लगाम लगाने की कोशिश की। कई स्कूल,कालेज,विश्वविद्यालयों गुरुद्वारों का निमार्ण किया । उन्होंने बताया कि बेशक अकाली दल के साथ उनके अच्छे संबंध रहे हैं, लेकिन वह अपने काम स्वतंत्रता से करते रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि एस.जी.पी.सी.के अाने वाले चुनाव दौरान वह अध्यक्ष पद के लिए दावेदार नहीं है। अगर पार्टी किसी अौर को ये जिम्मेदारी सौंपेगी तो उन्हें खुशी होगी।
जैसा कि सभी जानते हैं कि नवंबर 2005 से पहले, अवतार सिंह मक्कड़ अपने शहर लुधियाना में एक मोहल्ला गुरुद्वारा और शिरोमणि अकाली दल के जिला स्तरीय पदाधिकारी के प्रबंधन अध्यक्ष थे लेकिन अब,वह सिखों के लिए मिनी संसद माने जाते शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हैं। मक्कड़ गुरुचरण सिंह तोहड़ा के बाद दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवारत अध्यक्ष बन गए हैं।
मक्कड़ जीवन बीमा निगम में क्लर्क के तौर पर काम करने वाले एक कर्मचारी थे जो 1986 में इस्तीफा दे राजनीति में शामिल हो गए। उन्होंने शिरोमणी अकाली तथा मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के सहयोग से शिरोमणी गुरुद्वारा प्रंबधक कमेटी को बुलंदियों तक पहुंचाया।गत वर्ष मक्कड़ को कई विवादों ने घेरे रखा। एस.जी.पी.सी. की छवि गुरु ग्रंथ साहिब की अपवित्रता की घटनाओं के बाद निचले स्तर पर पहुंच गई जिसके बाद सरबत खालसा ने अपने 5 जत्थेदार नियुक्त कर दिए।