मसीहा बनकर आए ‘ऑटो चालक’,मासूम को पहुंचाया घर

Edited By swetha,Updated: 30 Apr, 2018 10:06 AM

auto driver takes child to hospital

इंसानियत किसी धर्म की मोहताज नहीं। रविवार को 2 अलग-अलग घटनाओं में 2 ऑटो चालक मसीहा बनकर आए। एक ने लापता बेटे को उनकी मां से मिलवाया तो दूसरे ने बुजुर्ग महिला को ‘पिंगलवाड़ा’ पहुंचाया। दोनों मामलों में मौके पर केवल ‘पंजाब केसरी’ की टीम पहुंची, जिसने...

अमृतसर(स.ह., वड़ैच) : इंसानियत किसी धर्म की मोहताज नहीं। रविवार को 2 अलग-अलग घटनाओं में 2 ऑटो चालक मसीहा बनकर आए। एक ने लापता बेटे को उनकी मां से मिलवाया तो दूसरे ने बुजुर्ग महिला को ‘पिंगलवाड़ा’ पहुंचाया। दोनों मामलों में मौके पर केवल ‘पंजाब केसरी’ की टीम पहुंची, जिसने कैमरे में तस्वीरें कैद की और दोनों मामलों में ऑटो चालक से बात कर जानी सच्चाई क्या थी।

मालती (मां) व धर्मेंद्र (पिता) दोनों ही शनिवार दोपहर से ही बेटे नितिन (10) को तलाश करके हताश हो चुके थे। घर में मातम पसरा था। पुलिस चौंकी ( रतन सिंह चौंक) को सूचना दी जा चुकी थी। 24 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं लगा था।इसी बीच मुहावा निवासी सुखदेव सिंह (ऑटो ड्राइवर) नितिन को लेकर उसके घर पहुंचा तो जेसी मालती को हर मुराद मिल गई हो। सुखदेव सिंह ने बताया कि नितिन उसे शनिवार रात करीब 11 बजे बस अड्डा पर मिला और जो पता उसने बताया वो छेहर्टा का था। वो उसे वहां ले गया लेकिन घर नहीं मिला। 

 

उसको अपने साथ घर ले गया। सुबह गांव के ओमप्रकाश को लेकर वो घर ढूंढते-ढूंढते पहुंचा। नितिन ने बताया कि मुहल्ले के कालिया नाम के दोस्त के साथ वो श्री हरिमंदिर साहिब चला गया था, पैसा नहीं था ऐसे में लोगों से भींख मांगी। उसे रात को डर लग रहा था और घर का पता उसे याद नहीं आ रहा था। उधर, नितिन के घर वापसी पर आटो ड्राइवर को मुहल्ले वालों ने सम्मान किया । पुलिस ने भी फाइल बंद कर चैंन की सांस ली। 

कंपनी बाग के बाहर अचेत मिली बुर्जुग महिला, ऑटो वाले ने पहुंचाया ‘पिंगलवाड़ा’
महिला की उम्र करीब 70 वर्ष होगी। वह रविवार दोपहर करीब दो बजे आटो चालक हरप्रीत सिंह (निवासी तरनतारन. आटो नंबर पीबी-02-सीआर-8802) को मिली। महिला बेसुध थी, पानी पिलाया वो होश में आई तो बोली कि मेरे दो बेटे व दो बेटियां हैं। सूरता सिंह रोड (छेहर्टा) के पास की रहने वाली हूं। बेटों ने मुझे घर से मारपीट कर निकाल दिया है, मैं घर नहीं जाऊंगी और यही सड़क पर प्राण त्याग दूंगी। इसी बीच आटो चालक की मदद के लिए सहकार भारती के पदाधिकारी अमित कुमार आगे आए. सहकार भारती के शंकर दत्त तिवारी भी मौंके पर पहुंचे। महिला को पिंगलवाड़ा ले जाया गया जहां लेकिन गेट पर खड़े स्टाफ ने लौटाते हुए कहा कि जिन के वारिस होते हैं उन्हें पिंगलवाड़ा में नहीं रखा जाता। 

 

इसी बीच बस अड्डे की पुलिस को 181 नंबर से सूचना मिली। बस अड्डा पुलिस चौंकी नेलारेंस रोड की पुलिस की जिम्मेदारी डालते हुए पल्ला झाड़ लिया। लारेंस रोड पुलिस चौंकी इंचार्ज सुखदेव सिंह ने रपट लिख कर नारी निकेतन महिला को भेजा लेकिन नारी निकेतन की इंचार्ज (सुपरिटेंडेंट) ने महिला को होशियारपुर ओल्ड होम में भिजवाने की बात कर गेट बंद कर लिया। इसी बीच ‘पंजाब केसरी’ संवाददाता ने पिंगलवाड़ा के डॉ. जगदीपक सिंह व कर्नल दर्शन सिंह बावा से संपर्क साधा तो पिंगलवाड़ा ने महिला की जिम्मेदारी उठाने के लिए आगे आए। अब महिला पिंगलवाड़ा में है, जहां उसकी चोट का इलाज शुरू हो गया है, पिंगलवाड़ा के तरफ से महिला के वारिसों की पहचान करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। 

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