मौतों पर ‘सियासत’, ‘सिद्धू व मिट्ठू’ पर निशाना!

Edited By Vatika,Updated: 30 Oct, 2018 12:47 PM

amritsar train accident

19 अक्तूबर को रावण दहन के दिन हुए रेल हादसे में सियासत 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी-अपनी गोटियां फिट कर रही है। रेल हादसे पर चैक बांटे जा रहे हैं, निकाय मंत्री नवजोत सिंह व उनकी पत्नी आरोपों के घेरे में है कि वो मिट्ठू मदान को बचा रहे हैं, 62...

अमृतसर : 19 अक्तूबर को रावण दहन के दिन हुए रेल हादसे में सियासत 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी-अपनी गोटियां फिट कर रही है। रेल हादसे पर चैक बांटे जा रहे हैं, निकाय मंत्री नवजोत सिंह व उनकी पत्नी आरोपों के घेरे में है कि वो मिट्ठू मदान को बचा रहे हैं, 62 मौतों पर 5-5 लाख के चैक जहां बंट रहे हैं वहीं आरोपियों के नामों की डी.डी.आर. कब एफ.आई.आर. में बदलेगी यह ‘राम’ ही जाने। ऐसे में ‘पंजाब केसरी’ ने पंजाब के पूर्व निकाय मंत्री अनिल जोशी से 1 सवाल मौजूदा निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर पूछा। पेश है यह खास अंदाज में पूछे गए 1 सवाल का क्या मिला जवाब।

प्रश्न : रावण विद्वान था, अहंकारी था, शिव की पूजा करता था, दरबार में जोर-जोर से हंसता था, क्रोधी था लेकिन जब ध्यान लगाता तो बैठ जाता, कुछ और सुध-बुध नहीं रहती, पराई स्त्रियों पर हंसता था। ऐसा रामलीला में दिखाया जाता है। जौड़ा फाटक में रावण दहन के दिन हुए हादसे के बाद ‘सियासत’ इस मामले में बहुत कुछ पंजाब के निकायमंत्री नवजोत सिंह सिद्धू उनकी पत्नी व इलाके की पूर्व विधायक डा. नवजोत कौर सिद्धू के साथ-साथ पार्षद विजय मदान व उनके बेटे मिट्ठू मदान को घेर रही है। आप भारतीय जनता पार्टी के चयनित राज्यसभा सांसद के साथ-साथ भाजपा के पंजाब प्रधान हैं, 19 अक्तूबर रेल हादसे को क्या भाजपा-अकाली 2019 चुनाव को लेकर भुनाने के फिराक में तो नहीं है, मौतों पर राजनीति हैं, दिल्ली तक आपकी तूती बोलती है,  सी.बी.आई. जांच कर सकते नहीं क्योंकि सी.बी.आई. खुद मोदी सरकार के ‘घेरे’ में है, पंजाब पुलिस ‘भाजपा-अकाली’ को तव्वजों नहीं दी जा रही है, क्या कहेंगे आप? 

जोशी: रावण और सिद्धू के बीच कई गुण मिलते हैं लेकिन रावण के पास सीखने के लिए बहुत कुछ था। भगवान राम जी ने भी लक्ष्मण से कहा था कि रावण से जाकर शिक्षा लो, लेकिन पंजाब के निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से सीखने के लिए कुछ भी नहीं है। सिद्ध में अहंकार है। रावण ने पॉवर में कदम लडख़ड़ाए तो सिद्धू का भी हाल ऐसा है। रावण तपस्वी था, गुप्त भक्ति करता था, सिद्धू ढोंगी हैं शोबाजी करते हैं। शिव भक्त खुद को कहते हैं, आसन जमाते हैं लेकिन शिव भक्ति हमें शक्ति देती है कि अन्याय से लड़ो लेकिन सिद्धू खुद अन्याय का साथ दे रहे हैं, बुराइयों पर अच्छाई की जीत का रावण दहन करने वाली मैडम सिद्धू अगर पाक साफ हैं तो सबूत दं, इतने दिन बाद सिद्धू का मिट्ठू गायब है, स्पष्टीकरण सिद्धू देश को देते क्यों नहीं, पाकिस्तान जाकर देंगे क्या?। लाशों पर राजनीति हम नहीं कर रहे हैं पंजाब सरकार सिद्धू को बचा रही है, कैप्टन विदेश यात्रा पर हैं, मदान परिवार कांग्रेस का ‘मिट्ठू’ बना है। अकाली-भाजपा लोगों के हक के लिए कैप्टन सरकार व सिद्धू परिवार के खिलाफ तब तक आवाज बुलंद करती रहेगी जब तक रेल हादसों के शिकार लोगों को इंसाफ नहीं मिल जाता । 

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