Edited By bharti,Updated: 03 Aug, 2018 01:49 PM
गुरु की नगरी में भिखारियों की आमद रोकने व बेसहारा लोगों को छत व खाना देने के लिए...
अमृतसर (नीरज): गुरु की नगरी में भिखारियों की आमद रोकने व बेसहारा लोगों को छत व खाना देने के लिए पूर्व डी.सी. काहन सिंह पन्नू की तरफ से चलाई गई रैन बसेरा योजना आज फ्लॉप होने के कगार तक पहुंच गई है। जिला प्रशासन व रैड क्रास दफ्तर की लाख कोशिशों के बावजूद गुरु की नगरी में आने वाले भिखारी इस रैन बसेरा में रहने को तैयार नहीं हैं क्योंकि वह रैन बसेरा को जेल समझते हैं। हालत यह हैं कि इस समय रैन बसेरा में रहने वाले भिखारियों की संख्या 20 से भी कम हो गई है और यह संख्या और भी कम हो सकती है। प्रशासन की तरफ से रैन बसेरा में रहने वाले भिखारियों को खाने पीने से लेकर रहने व मैडीकल की सुविधा तक प्रदान की जा रही है लेकिन फिर भी इसमें रहने को भिखारी तैयार नहीं हैं। दूसरी तरफ गुरु की नगरी में बाहरी राज्यों से आने वाले भिखारियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मुख्य रूप से धार्मिक स्थलों के आसपास इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। देश-विदेश से आने वाले टूरिस्टों को भिखारी परेशान करते हैं और कुछ तो भीख मांगने की आड़ में चोरी चकारी व लूट जैसी वारदातों को भी अंजाम देते हैं। हाल ही में रैड क्रास के पंघूड़े में आए एक बच्चे को पुलिस अधिकारियों की तरफ से रैड क्रास के हवाले किया गया, क्योंकि यह बच्चा किसी भिखारी न चुराया था। हालांकि अभी तक इस मामले में सारी तस्वीर सामने नहीं आ सकी है और पुलिस की तरफ से जांच की जा रही है, लेकिन इतना सच है कि भिखारी के वेश में काम करने वाले किडनैपर्स व लुटेरे गुरु की नगरी में आने वाले टूरिस्टों व आम जनता के लिए ठीक नहीं हैं।
प्रशासन की तरफ से भीख मांगने पर लगाई गई है पाबंदी
जिला मैजिस्ट्रेट व डिप्टी कमिश्नर कमलदीप सिंह संघा की तरफ से जिले में भीख मांगने पर पाबंदी लगाई गई है, लेकिन हर चौक चौराहे पर भिखारी भीख मांगते नजर आते हैं। इसमें मुख्य रूप से महानगर के पॉश इलाके लारैंस रोड, माल रोड व रणजीत एवैन्यू का इलाका शामिल है। इसके अलावा श्री हरिमंदिर साहिब, हिन्दू तीर्थ स्थलों व अन्य धार्मिक स्थलों के आसपास डी.सी. के आदेशों की सरेआम भिखारी धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं।
10 वर्षों में एक हजार भिखारियों का पुनर्वास कर चुका है रैनबसेरा
प्रशासन की तरफ से भिखारियों के पुनर्वास के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए गए, लेकिन पेशेवर भिखारियों को प्रशासन की तरफ से दी गई सुविधाएं रास नहीं आती हैं। पूर्व अकाली भाजपा गठबंधन सरकार के 10 वर्ष के कार्यकाल में लगभग एक हजार के करीब भिखारियों का पुनर्वास किया गया। इस काम में रैड क्रास दफ्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों की तरफ से अहम भूमिका निभाई गई। अब मौजूदा समय में जरूरत है इस अभियान को फिर से सख्ती के साथ चलाने की, क्योंकि जिस प्रकार से नए-नए भिखारी गैंग गुरु की नगरी में आ रहे हैं वह कानून व्यवस्था के लिए भी खतरनाक हैं।
किडनैपिंग करके भीख के काम में लगाते हैं बच्चों को
देश के बड़े महानगरों में पुलिस की तरफ से कई भिखारी गैंगों को पकड़ा गया है, जो बच्चों को किडनैप करके उनसे भीख मंगवाते हैं और भीख मंगवाने के लिए बच्चों के अंग काट देते हैं। अमृतसर में बच्चों के अंग काटकर भीख मांगने वाले भिखारी गैंग को पकड़कर बच्चों का डी.एन.ए. टैस्ट करवाया जाए तो सच्चाई सामने आ सकती है।
भिखारियों के खिलाफ जल्द की जाएगी कार्रवाई
भिखारियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। बच्चों के अंग भंग करके भीख मांगने वाले भिखारी गैंग की सूचना मिल चुकी है। ज्यादातर केसों में इस प्रकार के भिखारी बच्चों के अंग भंग करने का दिखावा करते हैं। अमृतसर जिले में भीख मांगने व बाल मजदूरी करने पर प्रतिबंध पहले ही लगाया जा चुका है। रैड क्रास दफ्तर व पुलिस को इस भिखारी गैंग की गिरफ्तारी करने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। गुरु की नगरी में भिखारियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो भिखारी रैन बसेरा में रहना चाहते हैं वह रह सकते हैं। अन्यथा उनको किसी दूसरे राज्य में जाना पड़ेगा या फिर जेल भेजा जाएगा।
(कमलदीप सिंह संघा, डिप्टी कमिश्नर अमृतसर)