Edited By swetha,Updated: 05 Dec, 2018 12:56 PM
रेलवे स्टेशन अमृतसर के टैक्स माफिया के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद अब सी.जी.एस.टी. प्रिवैंटिव विंग (सैन्ट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स) ने महानगर के एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान पर रेड की है जिससे उन शिक्षण संस्थानों में खलबली मच गई है जो केन्द्र...
अमृतसर (नीरज): रेलवे स्टेशन अमृतसर के टैक्स माफिया के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद अब सी.जी.एस.टी. प्रिवैंटिव विंग (सैन्ट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स) ने महानगर के एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान पर रेड की है जिससे उन शिक्षण संस्थानों में खलबली मच गई है जो केन्द्र सरकार को ईमानदारी के साथ अपना सी.जी.एस.टी. अदा नहीं करते हैं।
अमृतसर जिला व सी.जी.एस.टी. विभाग की बात करें तो यह अपनी तरह की पहली रेड है क्योंकि इससे पहले शिक्षण संस्थानों के प्रतिष्ठानों पर इंकम टैक्स विभाग की तरफ से ही रेड की जाती रही है लेकिन सी.जी.एस.टी. विभाग की रेड को देखकर लोगों को यह समझने में काफी समय लगा कि आखिरकार यह किस विभाग की रेड है। कुछ लोग तो इस रेड को इंकम टैक्स विभाग की रेड ही समझते रहे।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सी.जी.एस.टी. हैड क्वार्टर के आदेशानुसार विभाग की तरफ से यह कार्रवाई शुरू की गई है और कार्रवाई के दौरान विभाग ने संबंधित शिक्षण संस्थान की फाइलों को बोरियों में भरकर जब्त किया है और फाइलों की जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि विभाग को इस कार्रवाई में बड़ी सफलता भी मिलेगी क्योंकि कार्रवाई में विभाग को कई अहम दस्तावेज मिले हैं जिससे सरकार को सी.जी.एस.टी. के रूप में काफी टैक्स मिलेगा और इस पर नियमानुसार पैनेल्टी भी लगेगी।
इन स्थानों पर कार्रवाई कर सकता है सी.जी.एस.टी. प्रिवैंटिव
-सी.जी.एस.टी. प्रिवैंटिव विंग रेलवे स्टेशन से आने वाले बिना बिल सामान
-समूह व्यापारिक प्रतिष्ठान जो सी.जी.एस.टी. विभाग के दायरे में आते हैं
-सड़क मार्ग के जरिए यानी ट्रकों के जरिए रोड ट्रांसपोर्ट जो सी.जी.एस.टी. की चोरी कर रहे हैं, पर रेड कर सकता है।
केन्द्र सरकार के सर्विस टैक्स को बनाया सी.जी.एस.टी.
केन्द्र सरकार की तरफ से जी.एस.टी. लागू होने से पहले सर्विस टैक्स व सैन्ट्रल एक्साइज टैक्स वसूल किया जाता था जिसे केन्द्र सरकार ने जुलाई 2017 के बाद जी.एस.टी. लागू किए जाने के बाद सी.जी.एस.टी. का नाम दे दिया। शिक्षण संस्थानों की बात करें तो उन पर सरकार की तरफ से 14 प्रतिशत सॢवस टैक्स लागू किया गया था जो मौजूदा समय में 18 प्रतिशत सी.जी.एस.टी. है। शिक्षण संस्थान जो आई.ए.एस., आई.पी.एस., आई.एम.ए. व शिक्षा के अन्य विषयों पर छात्रों को ट्यूशन पढ़ाते हैं और उनसे मोटी फीस वसूल करते हैं, को इस सी.जी.एस.टी. के दायरे में शामिल किया गया है।
20 लाख से ज्यादा रिटर्न भरने वाले संस्थान दायरे में
शिक्षण संस्थानों पर सी.जी.एस.टी. की बात करें तो 20 लाख रुपए से ज्यादा की रिटर्न भरने वाला हर प्रकार का शिक्षण संस्थान सी.जी.एस.टी. विभाग के दायरे में आता है। जो संस्थान इस दायरे में आते हुए भी सी.जी.एस.टी. अदा नहीं करते उनके खिलाफ सी.जी.एस.टी. प्रिवैंटिव विंग रेड व सर्वे की कार्रवाई कर सकता है।
पंजाब में बनाए तो 2 कमिश्नरेट
सी.जी.एस.टी. प्रिवैंटिव विभाग की तरफ से पंजाब में 2 कमिश्नरेट बनाए गए हैं जिसमें जालंधर कमिश्नरेट में जिला कपूरथला, होशियारपुर, फगवाड़ा, अमृतसर, तरनतारन, पठानकोट, बटाला, गुरदासपुर सहित सतलुज के बाएं तरफ का सारा इलाका शामिल है। जबकि इन जिलों व
क्षेत्र के अलावा बाकी सारे जिले लुधियाना कमिश्नरेट में आते हैं।