'1984 सिख दंगों के लिए माफी मांगे मोदी'

Edited By Updated: 19 May, 2016 04:06 PM

1984 sikh riots

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा कामागाटामारू कांड पर आज कनाडा की संसद (हाऊस ऑफ कॉमन्स) में माफी मांगने

नई दिल्ली: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा कामागाटामारू कांड पर आज कनाडा की संसद (हाऊस ऑफ कॉमन्स) में माफी मांगने का हवाला देते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 1984 सिख  दंगों  पर सिख कौम से माफी  मांगने  की सलाह दी है। इस बाबत कमेटी ने आज प्रधानमंत्री मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। 

 

प्रधानमंत्री  मोदी  को लिखे पत्र में कमेटी  अध्यक्ष  मंजीत  सिंह जी.के. ने 102 वर्ष पुरानी इस घटना का विवरण दिया। जी.के. ने कहा कि नस्लवादी भेदभाव  के  कारण मारे गए 19 बेकसूर सिखों की मौत का कनाडा सरकार अपने आपको जिम्मेदार समझ कर कामागाटामारू कांड की जो माफी मांग रही है वह प्रशंसनीय है। उन्होंने प्रधानमंत्री को सन् 2000 में जर्मनी के राष्ट्रपति द्वारा दूसरे विश्व युद्ध दौरान 60 लाख यहूदियों को नाजियों द्वारा मारने के प्रतीक होलोकॉस्ट कत्लेआम की माफी मांगने का भी स्मरण करवाया है। 

 

जी.के. ने अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा 5 अगस्त, 2012 को मिलवॉकी के गुरुद्वारा साहिब  पर  हुए  हमले दौरान मारे गए 6 सिखों की मौत पर माफी मांगते हुए फैडरल बिल्डिंग पर लगे राष्ट्रीय ध्वज को  10 अगस्त, 2012 तक आधा झुकाने के लिए गए फैसले की भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी है। जी.के. ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सिख कौम से माफी मांगने से इस कत्लेआम को अपने शरीर पर झेलने वाले निर्दोष लोगों, जो कि इन्साफ की लंबी लड़ाई भी लड़ रहे हैं, को कोई ज्यादा फर्क बेशक नहीं पड़ेगा पर सरकार के इस कदम से लोगों द्वारा चुनी गई सरकार की कार्यप्रणाली के प्रति एक सकारात्मक संदेश सिखों के बीच जाएगा। 

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