Edited By Updated: 21 Dec, 2016 12:23 PM
बाघापुराना से अकाली दल के विधायक महेश इंदर सिंह निहाल सिंह वाला ने इस्तीफा दे दिया है। उन्हें अकाली दल ने इस बार टिकट नहीं दी थी।
बाघापुराना (राकेश): बाघापुराना से अकाली दल के विधायक महेश इंदर सिंह निहाल सिंह वाला ने इस्तीफा दे दिया है। उन्हें अकाली दल ने इस बार टिकट नहीं दी थी।
विधायक का दावा
विधायक महेश इन्द्र सिंह ने कहा कि हलके की हालत तो पहले ही अति तरसयोग थी, उसे सुधारने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन सरकार ने फंडों को जारी करने में पूरी कंजूसी की। जिस कारण विकास प्रोजेक्ट अधूरे रह गए। उन्होंने कहा कि हलके को 25 करोड़ की राशि आनी थी, लेतिकन 17 करोड़ आए हैं, जबकि 14 करोड़ की और घोषणा कुछ दिन पहले हुई है।
वायदे जो किए
लोगों की मांग अनुसार कार पार्किंग, सिविल कोर्ट, स्टेडियम, लड़कियों के लिए कालेज, तहसील काम्पलैक्स, सीवरेज, आर.ओ. पानी, बस स्टैंड, लिंक सडक़ें, गलियां, नालियां, बाईपास, सिविल अस्पताल में डाक्टर, छप्पड़ों का खात्मा समेत अनेक वायदे किए गए थे।
कितने हुए वफा
बाघापुराना में बस स्टैंड, तहसील काम्पलैक्स, सिविल कोर्ट, आर.ओ. पानी, गलियां पक्की करवाई गई। सुविधा सैंटर की सहूलियत दी गई है।
लोगों की प्रतिक्रिया
एडवोकेट नर सिंह बराड़ का कहना हैं कि मौजूदा अकाली सरकार के विकास के लिए फेल साबित हुई है। शहर के विकास के लिए 50 करोड़ की जरूरत थीं, लेकिन सरकार ने नहीं दिए। शहर अंदर आवारा पशुओं की जहां गंभीर समस्या बनी रही है। वहीं सीवरेज के लिए खुदाई हुए पांच वर्षों में लोग हादसे का शिकार होने समेत लोगों के वाहन खराब होकर रह गए हैं।
-नर सिंह बराड़
लायंस क्लब के पूर्व अध्यक्ष डा. बलजीत सिंह ने कहा कि बाघापुराना के विकास के लिए सरकार ने हर विकास प्रोजेक्टों को छुआ है, लेकिन फंडों की भारी कमी कारण अधूरे रह गए। जिस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर की लिंक सडक़ें सीवरेज मुख्य मुद्धा है तथा अस्पताल में डाक्टरों की बड़ी कमी कारण लोग सेहत सहूलियतों से वंचित हैं।
- डा. बलजीत सिंह
प्रिंसीपल गुरदेव सिंह का कहना हैं कि नगर कौंसिल ने अपने स्तरपर कौंसिल वाली जगह से आमदनी का प्रबंध करके शानदार बस स्टैंड कौंसिल दफ्तर, सुविधा सैंटर व गलियों में फर्श लगवाए। सरकार ने हलके की सहूलियत के लिए तहसील काम्पलैक्स का शानदार प्रबंध किया है तथा सिविल कोर्ट शुरू करवाई।
-प्रिंसीपल गुरदेव सिंह
शहर निवासी जगदीप सिंह बराड़ का कहना हैं कि अगर सरकार शहर के लिए खुले फंड दे देती तो एक वर्ष पहले ही अधूरे प्रोजेक्ट मुकम्मल हो जाते तथा लोगों को सहूलियतों से वंचित न होना पड़ता। शहर अंदर ट्रैफिक की समस्या को सुधारने के लिए पार्किंग व ट्रैफिक पुलिस की जरूरत है।
-इंजीनियर जगदीप
प्रसिद्ध समाज सेवी राकेश तोता का कहना है कि कस्बा में सरकार जितनी भी सुविधा सरकार ने दी है इतनी किसी और ने नहीं दी। शहर के लिए अनाज मंडी, लाइटों वाला चौक, वैटनेरी अस्पताल, डायरी सैंटर, पालीटैक्निक सैंटर सभी अकाली सरकार की ही देन है।
- राकेश ताता
हलका निवासी जगसीर जग्गा का कहना है कि बादल सरकार ने दलित बस्तियों की ओर ध्यान नहीं दिया तथा अति चिंताजनक हालत बनी हुई है। यहां तक नीले कार्डों समेत भारत सरकार द्वारा घोषित स्कीमें भी गरीब परिवारों को नहीं दी गई।
-जगसीर जग्गा
मंदिर प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राकेश शाही का कहना है कि बादल सरकार लोगों को सुविधाएं देने के लिए बड़े वायदे करती हैं, लेकिन सडक़ों के किनारे तिरपाले डालकर अपनी झुग्गियां बनाकर बैठे झुग्गी झोपड़ी वालों के लिए किसीा मकान या पानी इत्यादि का कोई प्रबंध नहीं किया, वह लोग सिर्फ कागज इत्यादि बाजारों में चुन कर अपनी रोटी पानी चलाते है।
-राकेश शाही