Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 10:19 AM
पंजाब एंड सिंध बैंक किकर बाजार की शिकायत पर इसी बैंक के जोनल मैनेजर को बैंक में हुए घोटाले को लेकर जेल की हवा खानी पड़ी।
भटिंडा(विजय): पंजाब एंड सिंध बैंक किकर बाजार की शिकायत पर इसी बैंक के जोनल मैनेजर को बैंक में हुए घोटाले को लेकर जेल की हवा खानी पड़ी। जानकारी के अनुसार नवङ्क्षनद्र कौर पत्नी स्व. दर्शन सिंह ने पुलिस को मामला दर्ज करवाया, जिसमें मोनिका गर्ग पत्नी भगवान दास गर्ग और हिम्मत सिंह पुत्र रूप सिंह ने उनके 295 गज के प्लाट को जालसाजी कर पंजाब एंड सिंध बैंक से 1 करोड़ 45 लाख रुपए का कर्ज ले लिया।
बैंक के जिला मैनेजर सुरिंद्र सिंह व इसी बैंक के जोनल मैनेजर जैड.एम. सोहन सिंह कालड़ा जो अब रिटायर हो चुके हैं, ने मिलीभगत कर बिना जांच किए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मोनिका गर्ग को 1 करोड़ 45 लाख रुपए का कर्ज दे दिया। यही नहीं दस्तावेजों की जांच के बाद सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए, डिफाल्टर होने के बावजूद बैंक अधिकारियों ने 10 लाख रुपए का ओवरड्राफ्ट व मोनिका गर्ग को कार का लोन भी मंजूर कर दिया। पुलिस ने जांच के बाद बैंक मैनेजर सुरिंद्र सिंह सिद्धू, जोनल मैनेजर सोहन सिंह कालड़ा व गरंटर राज के खिलाफ बैंक के साथ धोखाधड़ी व ठगी के मामले दर्ज किए। सुरिंद्र सिंह की अगली जमानत उच्च न्यायालय ने मंजूर कर ली थी, जबकि जोनल मैनेजर सोहन सिंह कालड़ा को जमानत देने से इंकार कर दिया, पुलिस के दबाव के बाद जैड.एम. ने स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पन किया जिसे जेल भेज दिया गया।
मामला उस समय सुर्खियों में आया जब शहर के रसूखदार व्यक्ति भगवान दास गर्ग ने अपनी पत्नी मोनिका गर्ग के साथ मिलकर बैंक के साथ करोड़ों की ठगी की। पीड़ित नवनिंद्र कौर ने भगवान दास व उसकी पत्नी पर बैंक की बकाया राशि जमा करवाने का दबाव डाला, क्योंकि भगवान दास के मित्र दर्शन सिंह पुत्र बग्गा सिंह ने अपने 295 गज का एक प्लाट गरंटर के तौर पर मौनिका गर्ग द्वारा बैंक से लिए कर्ज के तौर पर रखा था जिस पर पति-पत्नी ने मिलकर 1 करोड़ 45 लाख रुपए का कर्ज लिया। जब उन्होंने कोई किस्त न भरी तो बैंक ने दर्शन सिंह के प्लाट को 1 करोड़ 1 लाख रुपए में बेच दिया। मानसिक दबाव में आए दर्शन सिंह ने अपने घर में ही आत्महत्या कर ली और सुसाइड नोट में उन्होंने पूरी दास्तान लिख दी जिसके आधार पर थाना कैंट पुलिस ने मोनिका गर्ग, भगवान दास गर्ग व हिम्ममत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। मामला यहीं नहीं रुका, बैंक घोटाले में तत्कालीन बैंक मैनेजर ने अपने ही अधिकारियों सुरिंद्र सिंह सिद्धू व जनरल मैनेजर सोहन सिंह कालड़ा सहित 3 लोगों पर बैंक से जालसाजी का मामला दर्ज करवा दिया। डी.एस.पी. गुरदर्शन सिंह ने मामले की जांच कर रिपोर्ट एस.एस.पी. बङ्क्षठडा को सौंपी व 10-6-2015 को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। न्यायालय की कार्रवाई के चलते बैंक मैनेजर सुरिंद्र सिंह को तो जमानत मिल कई लेकिन जैड.एम. सोहन सिंह कालड़ा को संगीन आरोप में जमानत नहीं मिली और उसे जेल की हवा खानी पड़ी। एस.एस.पी. बङ्क्षठडा ने बताया कि उनकी अग्रिम जमानतें रद्द होने के बाद जैड.एम. ने उच्च न्यायालय तक कोशिश की लेकिन जमानत नहीं मिली जबकि जांच में आरोपी पाए जाने के कारण उन्हें जेल भेज दिया गया।