Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Feb, 2018 08:44 AM
हर वर्ष की तरह सैंकड़ों श्रद्धालु डेरा बाबा दर्शन सिंह कुल्ली वाला में माथा टेकने के लिए आए हुए थे। कुछ लोग सजे हुए बाजार में सामान खरीद रहे थे और कुछ लंगर की कतार में बैठे लंगर छक रहे थे।
अमृतसर (संजीव): हर वर्ष की तरह सैंकड़ों श्रद्धालु डेरा बाबा दर्शन सिंह कुल्ली वाला में माथा टेकने के लिए आए हुए थे। कुछ लोग सजे हुए बाजार में सामान खरीद रहे थे और कुछ लंगर की कतार में बैठे लंगर छक रहे थे। सैंकड़ों श्रद्धालु गुरुद्वारे में बैठे शबद कीर्तन सुन रहे थे। सुबह से ही आस-पास के क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा हुआ था कि अचानक एक जोरदार धमाके ने जैसे समय की घड़ी रोक दी।
डेरे में बैठे श्रद्धालु धमाके की आवाज सुनकर बाहर की ओर भागे, जहां खून से लथपथ बच्चों के कराहने-चिल्लाने की आवाजें सुनकर सन्न हो गए। बाहर खड़े लोग दर्द से कराह रहे बच्चों की ओर भागे और अपनी बांहों में उठा उपचार के लिए ले जाने लगे। सिलैंडर के धमाके ने एक मासूम की दोनों टांगें ही धड़ से अलग कर दी थीं और गुब्बारे बेचने वाला खून से लथपथ खुद को इस के लिए दोषी मानकर वहीं बैठा था, जिसे गुरुद्वारे की संगत ने उठाया और उपचार के लिए अस्पताल लेकर गई।
बार-बार बुलाने पर भी एकमप्रीत नहीं जा रहा था घर
घर के बाहर खेल रहे एकमप्रीत सिंह को बार-बार उसकी मां घर बुला रही थी, मगर गुरुद्वारे के साथ सटे अपने घर में जाने के लिए एकमप्रीत तैयार नहीं था और सुबह से ही मेले की रौनक देखने के लिए गली में खेल रहा था। एकम की मां अमनदीप कौर का कहना है कि वह घर के काम कर रही थी। अचानक एक जोरदार धमाका हुआ तो वह बाहर की और भागी। गली में खून से लथपथ अपने लाल को देख जैसे उसके दिल की धड़कन ही रुक गई। उसके बेटे को श्रद्धालु अपनी बांहों में उठाकर अस्पताल ले जा रहे थे, वह भी उनके पीछे भागती हुई अस्पताल पहुंची।
बहन को भी साथ ले जाने की जिद पर अड़ा था जशनदीप
5वीं कक्षा में पढऩे वाला जशनदीप सुबह से ही घर में मेले में जाने की जिद कर रहा था। उसकी माता मनजीत कौर दोनों बज्जों जशनदीप व बेटी गुरशरण कौर को साथ लेकर मेले में आ गई। मनजीत कौर दोनों बच्चों के साथ गुरुद्वारे में बैठी थी कि अचानक बाजार में खड़ा गुब्बारे वाला जशनदीप को दिख गया और वह गुब्बारे लेने की जिद करने लगा। जब मनजीत कौर ने उसे गुब्बारों के लिए पैसे दिए तो वह अपनी बहन को साथ ले जाने पर अड़ गया, मगर किसी तरह मनजीत कौर ने उसे अकेले ही भेजा और अपनी बेटी को उसके साथ जाने नहीं दिया।
जैसे ही जशनदीप गुब्बारे वाले की स्कूटरी के पास पहुंचा तो एक जोरदार धमाका हुआ। गुरुद्वारे में बैठी मनजीत कौर की तो जैसे सांसें ही रुक गईंऔर वह अपनी बेटी को साथ लेकर बाहर की ओर भागी। मनजीत कौर ने बताया कि जैसे ही वह बाहर पहुंची तो उसने देखा कि जशनदीप की दोनों टांगें घायल हो चुकी थीं। पूरे बाजार में खून बिखरा पड़ा था और बच्चे जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। लोग बच्चों को अस्पताल की ओर ले जा रहे थे।
5 वर्ष की मासूम स्नेहा के पिता शीशे से ही देख रहे थे अपनी बेटी को
5 वर्ष की मासूम स्नेहा भी धमाका के दौरान घायल हुई थी, जिसका स्थानीय अस्पताल में उपचार चल रहा था। उसके पिता सुखदेव सिंह उसे लगातार शीशे में से ही ताक रहे थे और खुद को इस बात का जिम्मेदार मान रहे थे कि उन्होंने स्नेहा की जिद पूरी करने के लिए उसे पैसे देकर गुब्बारे लेने के लिए क्यों भेजा? सुखदेव का कहना था कि अभी उसकी बेटी पैसे लेकर सामने खड़े गुब्बारे वाले के पास पहुंच भी नहीं पाई थी कि अचानक धमाका हो गया और उसकी टांगें व दोनों हाथ बुरी तरह जख्मी हो गए।
अति ज्वलनशील है हाईड्रोजन गैस
गुब्बारों में भरी जाने वाली हाईड्रोजन गैस वैल्डिंग मसाले व पानी के मिश्रण से तैयार की जाती है। वैल्डिंग मसाले व पानी के बीच होने वाली क्रिया हाईड्रोजन गैस पैदा करती है, जो हल्की होने के कारण गुब्बारों को ऊपर की ओर ले जाती है। मिश्रण के उपरांत तैयार होने वाली यह हाईड्रोजन गैस अति ज्वलनशील है। एक छोटी-सी ङ्क्षचगारी भी गैस तक पहुंचते ही जोरदार धमाका कर सकती है। अगर सिलैंडर से थोड़ी-सी भी गैस रिस रही हो तो उसमें लगी आग पर काबू पाना मुश्किल होता है। बिना मापदंड के तैयार इन गैस सिलैंडरों को सार्वजनिक स्थलों पर बैन करने की जरूरत है। समय रहते अगर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कड़े कदम न उठाए गए तो इस तरह के हादसे कहीं और भी न देखने पड़े।