Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2017 02:49 AM
प्रदेश की विभिन्न विकास अथॉरिटियों द्वारा विकसित शहरी प्राधिकरण में.....
रूपनगर/चंडीगढ़(विजय): प्रदेश की विभिन्न विकास अथॉरिटियों द्वारा विकसित शहरी प्राधिकरण में स्वच्छ वातावरण भवन निर्माण व शहरी विभाग के अधिकारियों द्वारा दिल्ली से आए प्रसिद्ध वातावरण विशेषज्ञ एवं नेटिव प्लांट गार्डनर व जर्म प्लाज्म कंजर्वेटर प्रदीप कृष्ण के साथ विचार-विमर्श किया गया।
इस संबंधी जानकारी देते हुए भवन निर्माण व शहरी विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन ने बताया कि बैठक में प्रदीप कृष्ण ने उच्चाधिकारियों व बागवानी से संबंधित इंजीनियरिंग विंग के मैंबरों को अपने तजुर्बे व कार्यों से अवगत करवाया। ट्रीज ऑफ दिल्ली तथा जंगल ट्रीज ऑफ सैंट्रल इंडिया के लेखक प्रदीप कृष्ण ने बताया कि भारत में वृक्षों की कुल 6 हजार मूल किस्में हैं, जिनमें आमतौर पर 100 से अधिक किस्म के पौधे लगाए जा रहे हैं। खास किस्म का पौधा चुने जाते समय यह यकीनी बनाया जाना जरूरी है कि यह पौधा उस वातावरण के मुताबिक ढाला जा सके। विभाग की नर्सरियों में पौधों की कुछ सीमित किस्में मौजूद हैं तथा हर स्वदेशी प्रजाति को आरंभ करने की जरूरत है।
नियमित पानी की जरूरत के बिना भी शानदार पौधे उगाए जा सकते हैं। ऐसे पौधे लगाने से गुरेज करना चाहिए, जिन्हें पानी की अधिक जरूरत होती है। विनी महाजन ने निर्देश दिए कि वह यकीनी बनाएं कि विभिन्न शहरी प्राधिकरण में पौधों की जरूरत पूरा करने के लिए विभाग की नर्सरियां पूरी तरह समर्थ हैं। विभाग सही जमीन की पहचान करके इसे माहिरों की सलाह से विकसित करने का इच्छुक है। इससे पुडा, ग्माडा व अन्य अथॉरिटियों के बागवानी विभाग के कर्मचारी व इंजीनियरिंग विंग के अन्य स्थानों पर ऐसा विकास करने के लिए महारत हासिल कर सकेंगे।