Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 May, 2017 11:26 AM
फिल्लौर के युवराज ढेसी उर्फ जिंदर माहल ने 30 वर्ष की सबसे छोटी उम्र में डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. का विश्व चैम्पियन का खिताब अपने नाम किया है। ग्रेट
फिल्लौर(भाखड़ी): फिल्लौर के युवराज ढेसी उर्फ जिंदर माहल ने 30 वर्ष की सबसे छोटी उम्र में डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. का विश्व चैम्पियन का खिताब अपने नाम किया है। ग्रेट खली के बाद रैसलिंग की दुनिया में पंजाब का झंडा पूरे विश्व में लहराने वाले युवराज के पैतृक गांव कंग अराईयां में बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है। उसने गत दिवस 18 मई को शिकागो में हुई डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. बैकलैस चैम्पियनशिप में लगातार विश्व चैम्पियन रहने वाले अपने विरोधी रैसलर रैंडी ओरटन को हराकर यह सम्मान हासिल किया। जिंदर माहल द्वारा यह खिताब हासिल करते ही उसके पैतृक गांव में रहते चाचा मास्टर सर्बजीत के घर बधाइयां देने वालों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। उसके चाचा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि युवराज ने अपने गांव कंग अराईयां व पंजाब का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है, जो सम्मान की बात है।
कनाडा में गोरे से ली ट्रेनिंग
युवराज ढेसी के चाचा सर्बजीत सिंह ढेसी जो पेशे से अध्यापक हैं, ने बताया कि उनके बड़े भाई भूपिंदर सिंह ढेसी वर्ष 1984 में अपनी पत्नी कमलजीत कौर के साथ कनाडा में सैटल्ड हो गए। 2 वर्ष बाद उनके घर 19 जुलाई 1986 को युवराज ने जन्म लिया। उसके बाद उनके घर युवराज के छोटा भाई और बहन हुई। युवराज बचपन से ही होनहार था। 19 वर्ष की आयु में युवराज कनाडा में पंजाबियों को रैलिंग में प्रमोट करने वाले रैसलर टाईगर जीत सिंह से मिला जिन्होंने उसे रैसलिंग के गुर सिखाने शुरू किए। वह विदेश के छोटे शहरों व कस्बों में जाकररैसलिंग करता और मात्र 30 वर्ष की आयु में आज वह विश्व चैम्पियन बन गया।
गुरु के इंतजार में 3 फुट बर्फ में खड़ा रहा था जिंदर
चाचा सर्बजीत ने बताया कि रैसलर युवराज उर्फ जिंदर माहल ने बड़े होकर विदेशी ट्रेनर गोरे को रैसलिंग में अपना उस्ताद बनाया। उसका गोरा ट्रेनर समय का बहुत पाबंद था। एक दिन कनाडा में मौसम खराब होने के कारण बहुत ज्यादा बर्फ पड़ रही थी। जैसे ही वह ट्रेनिंग करने के लिए घर से निकलने लगा तो उसके माता-पिता ने युवराज को रोका कि वह आज न जाए परंतु युवराज नहीं माना। जैसे ही वह अपने ट्रेनर के घर पहुंचा तो उसका गुरु घर में नहीं था तो अपने गुरु के इंतजार में वह 2 घंटे उसके घर के बाहर बर्फबारी में खड़ा रहा। जब उसका गुरु 2 घंटे बाद घर लौटा तो वह युवराज को 3 फुट बर्फ में धंसा उसका इंतजार करता देख हैरान रह गया और उसने उसके माता-पिता को फोन कर कहा कि एक दिन उनका बेटा उनका नाम रोशन करेगा।
पंजाबियों की पहचान पगड़ी बांध कर उतरता है रिंग मे
उसके चाचा ने बताया कि बेशक उनके बड़े भाई ने विदेश जाकर अपने केश कटवा लिए परंतु उसके दोनों बेटे हर वक्त अपने सिर पर पगड़ी बांध कर रखते हैं जो पंजाबियों की विशेष पहचान है। उनका भतीजा जिंदर रिंग में उतरते वक्त भी अपने सिर पर पगड़ी बांध कर रखता है।
अमरीकी मीडिया द्वारा लगाए स्टीरायड लेने के आरोप बेबुनियाद
सर्बजीत ने बताया कि गत वर्ष अमरीका की मीडिया ने उनके भतीजे पर स्टीरायड लेकर शरीर बनाने के जो आरोप लगाए थे, वह बिल्कुल बेबुनियाद हैं। उनका भतीजा रोजाना 6 घंटे रैसलिंग की प्रैक्टिस करता है और घर के खाने के अलावा ट्रेनर द्वारा बताई खुराक का सेवन करता है। उसने अपना शरीर बनाने के लिए आज तक कभी भी स्टीरायड का इस्तेमाल नहीं किया।