Edited By Updated: 10 May, 2017 02:54 PM
स्थानीय अस्पताल में बनी लैबोरेटरी में से टैस्ट करवाने वाले एक मरीज की काला पीलिया से पीड़ित होने की आई रिपोर्ट ने मरीज को भारी परेशानी में डाल दिया जबकि अस्पताल के बाहर बनी 2 निजी लैबोरेटरीज में से टैस्ट करवाया गया तो उन रिपोर्टों में काला पीलिया का...
कोटकपूरा (नरिन्द्र): स्थानीय अस्पताल में बनी लैबोरेटरी में से टैस्ट करवाने वाले एक मरीज की काला पीलिया से पीड़ित होने की आई रिपोर्ट ने मरीज को भारी परेशानी में डाल दिया जबकि अस्पताल के बाहर बनी 2 निजी लैबोरेटरीज में से टैस्ट करवाया गया तो उन रिपोर्टों में काला पीलिया का जिक्र तक नहीं था। मरीज के रिश्तेदार जय कृष्ण जुनेजा ने बताया कि रविन्द्र कुमार पुत्र राम प्रकाश धमीजा निवासी डबवाली का स्थानीय सिविल अस्पताल की लैबोरेटरी में टैस्ट हुआ तो उसे काला पीलिया की बीमारी बताई गई। लैबोरेटरी के वरिष्ठï एल.टी. परमजीत सिंह के अनुसार गत कई वर्षों से लगातार हर वर्ष मरीजों की संख्या व टैस्ट रिपोर्टों में 3-4 गुणा वृद्धि होती जा रही है मगर स्टाफ में कमी हो रही है, जबकि मरीजों की संख्या मुताबिक स्टाफ की और भर्ती की जरूरत है। उन्होंने भरोसा दिलवाया कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही नहीं होगी। डा.जगराज सिंह डिप्टी मैडीकल कमिश्नर फरीदकोट व वह इस लापरवाही की जांच करवाएंगे। उन्होंने कहा कि यह स्टाफ की कमी कारण ही हुआ है परंतु भविष्य में ऐसा न हो यह यकीनी बनाया जाएगा।
क्या कहते हैं एस.एम.ओ.
इस संबंध में एस.एम.ओ. डा.गाजी उजैर ने कहा कि काम के ज्यादा बोझ कारण हुई यह मानवीय गलती है परंतु उन्होंने भविष्य में ऐसा न होने देने का भरोसा दिलवाया। उन्होंने कहा कि पहले यहां प्रति महीना 25 सौ से 3 हजार टैस्ट होते थे जो बढ़कर 15 हजार प्रति महीना हो चुके हैं। काम का बोझ बढऩे के बावजूद डाक्टर व टैक्नीशियनों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई। सरकार द्वारा पूरे पंजाब अंदर चिकनगुनिया व डेंगू के 4 सैंटर बनाए गए हैं जिनमें से कोटकपूरा भी एक है।