Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Oct, 2017 02:03 PM
शहर में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब भगवान वाल्मीकि जी के प्रकट दिवस के अवसर पर भगवान वाल्मीकि के संबंध में जीवनी छापने से वाल्मीकि समाज के लोग भड़क गए।
बरनाला (विवेक सिंधवानी,गोयल): शहर में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब भगवान वाल्मीकि जी के प्रकट दिवस के अवसर पर भगवान वाल्मीकि के संबंध में जीवनी छापने से वाल्मीकि समाज के लोग भड़क गए। भगवान वाल्मीकि समाज सांझा मंच ने लेखक विरुद्ध थाना सिटी के इंचार्ज बलवंत सिंह को लिखती तौर पर शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की कि लेखक ज्ञान सिंह वजीदके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बातचीत करते हुए वाल्मीकि समाज के नेता रमेश कुमार, विक्की कुमार व गुलशन कुमार ने बताया कि लेखक ने अपने लेख में भगवान वाल्मीकि का बचपन का नाम रत्नाकर बताया है और उनके पिता का नाम वरुण प्रचेता व दादा का नाम करदम तथा यह भी लिखा है कि उन्होंने शिक्षा नारद मुनि के आश्रम से प्राप्त की और वह इलाहाबाद में ज्योति ज्योत समाए, जो तथ्यों के आधार पर बिल्कुल झूठ है, जिस कारण वाल्मीकि समाज को ठेस पहुंची है।
वाल्मीकि समाज द्वारा शिकायत देने पर मामले की गंभीरता को देखते हुए एस.एच.ओ. सिटी ने फौरी तौर पर लेखक ज्ञान सिंह वजीदके को थाने में तलब किया। बातचीत करते हुए थाना सिटी के इंचार्ज बलवंत सिंह ने बताया कि लेखक ज्ञान सिंह वजीदके ने लिखती तौर पर वाल्मीकि समाज के भाईचारे से माफी मांग ली है और मामले को शांत किया गया है।