Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 10:59 AM
बठिंडा के गुरु नानक देव थर्मल प्लांट के शांत होते हुए ही इसके मुलाजिमों का गुस्सा बढऩे लगा है। थर्मल प्लांट को बंद करने के सरकार के ऐलान के बाद गुरुवार को थर्मल मुलाजिम सड़कों पर उतर आए। इम्प्लाइज तालमेल कमेटी के नेतृत्व में मुलाजिमों ने न केवल...
बठिंडा/मानसा (परमिंद्र/मित्तल): बठिंडा के गुरु नानक देव थर्मल प्लांट के शांत होते हुए ही इसके मुलाजिमों का गुस्सा बढऩे लगा है। थर्मल प्लांट को बंद करने के सरकार के ऐलान के बाद गुरुवार को थर्मल मुलाजिम सड़कों पर उतर आए। इम्प्लाइज तालमेल कमेटी के नेतृत्व में मुलाजिमों ने न केवल पंजाब सरकार का पुतला फूंककर रोष प्रदर्शन किया बल्कि बठिंडा-मलोट रोड पर ओवरब्रिज के नजदीक सड़क पर धरना देकर चक्का भी जाम किया। मुलाजिमों के संघर्ष को उस समय और बल मिला जब विभिन्न मुलाजिम, किसान, मजदूर, विद्यार्थी व अन्य सार्वजनिक संगठन मुलाजिमों की हिमायत में उतर आए। मुलाजिमों ने ऐलान किया कि बठिंडा थर्मल प्लांट को बंद नहीं होने दिया जाएगा व इसके लिए जहां तक होगा, लड़ाई लड़ी जाएगी। थर्मल प्लांट की कच्चे मुलाजिमों की जत्थेबंदी के नेताओं ने कहा कि सरकार ने थर्मल प्लांट को बंद करके 750 कच्चे मुलाजिमों को बेरोजगार कर दिया है जिनके परिवार सड़क पर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने भी मुलाजिमों के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री ने आश्वासन दिया था कि थर्मल को बंद नहीं किया जाएगा लेकिन अब थर्मल को बंद करके मुलाजिमों को दर-दर भटकने को मजबूर कर दिया गया है।
मुलाजिम 1 जनवरी तक लगाएंगे पक्का धरना
थर्मल्ज कान्ट्रैक्ट वर्कर्स को-आर्डीनेशन कमेटी पंजाब के आह्वान पर गुरुवार को थर्मल, पावरकॉम के अलावा किसान, मजदूर व अन्य सार्वजनिक संगठनों की एक बैठक का आयोजन टीचर्स होम में किया गया जिसमें फैसला लिया गया कि गुरु नानक देव थर्मल प्लांट को बंद करने विरोध में सभी संगठन मिलकर 1 जनवरी से बङ्क्षठडा में पक्का धरना लगाएंगे जो लगातार जारी रखा जाएगा। इस अवसर पर कमेटी सदस्य जगरूप सिंह, जगसीर सिंह भंगू, अश्विनी कुमार, विजय कुमार, गुरविंद्र पन्नू के अलावा जल सप्लाई विभाग से संदीप खान, भाकियू एकता (उगराहां) के मोठू सिंह कोटड़ा, डी.टी.एफ. के गुरमुख सिंह, स्टूडैंट यूनियन (रंधावा) से बिशनदीप कौर, थर्मल तालमेल कमेटी से गुरसेवक सिंह, थर्मल (इंटक) के गुरनाम सिंह ख्यालीवाला, थर्मल टी.एस.यू. के प्रकाश सिंह, जगतार सिंह, सेवामुक्त मुलाजिम एसोसिएशन के भोला सिंह, टी.एस.यू. लहरा के मेजर सिंह, सेवामुक्त कमेटी के मङ्क्षहद्र सिंह आदि उपस्थित थे।
थर्मल बंद होने से प्रभावित होंगे कई उद्योग
गुरु नानक देव थर्मल प्लांट के बंद होने से मुलाजिम तो प्रभावित होंगे ही जबकि कई उद्योग व सरकारी विभागों पर भी विपरीत असर पड़ेगा। रेलवे को कोयले की ढुलाई के मिलने वाले लगभग 15 करोड़ रुपए का वार्षिक घाटा होगा। थर्मल से निकलने वाली राख को बङ्क्षठडा स्थित सीमैंट कारखानों द्वारा प्रयोग किया जाता था लेकिन अब उक्त उद्योगों को जरूरत के अनुसार राख स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं हो सकेगी। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने ऐलान किया था कि थर्मल की झीलों में एक 5 सितारा रिसोर्ट बनाया जाएगा लेकिन अब वह प्रोजैक्ट भी नहीं बन सकेगा। इसके साथ ही बी.डी.ए. की ओर से थर्मल की झीलों पर एक वाटर पार्क बनाने की योजना थी लेकिन वह भी पूरा नहीं हो पाएगा। थर्मल के बंद होने से इसके साथ जुड़े छोटे कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित होंगे।