Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 01:56 PM
माननीय हाई कोर्ट व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के आदेशानुसार राज्य में बिना परमिट चल रही प्राइवेट बसों व स्कूल वैन्स के खिलाफ जारी अभियान के तहत आज आर.टी.ए. कंवलजीत सिंह की अगुवाई में परिवहन विभाग की अलग-अलग टीमों की तरफ से नाकाबंदी कर एक...
अमृतसर(नीरज): माननीय हाई कोर्ट व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के आदेशानुसार राज्य में बिना परमिट चल रही प्राइवेट बसों व स्कूल वैन्स के खिलाफ जारी अभियान के तहत आज आर.टी.ए. कंवलजीत सिंह की अगुवाई में परिवहन विभाग की अलग-अलग टीमों की तरफ से नाकाबंदी कर एक दर्जन से अधिक बिना परमिट चलने वाली बसों व स्कूल वैन्स को बंद किया गया है। इतना ही नहीं, 20 के करीब बसों के चालान भी काटे गए हैं, जो परिवहन विभाग के नियमों का पालन नहीं कर रही थीं।
पंजाब सरकार के आदेशानुसार इससे पहले विजीलैंस विभाग, परिवहन विभाग, जी.एम. रोडवेज व ट्रैफिक पुलिस की ज्वाइंट टीमों की तरफ से अभियान चलाया गया था और सैंकड़ों अवैध व अनरजिस्टर्ड व बिना परमिट चलने वाली बसों की बंद किया गया था, लेकिन हाई कोर्ट में दायर याचिका पर कार्रवाई करते हुए न्यायालय ने हर 15 दिन बाद बिना परमिट, अनरजिस्टर्ड व बाहरी रा४यों के नंबर वाली स्कूल वैन्स को बंद करने के जहां आदेश जारी किए हुए हैं, वहीं इसकी रिपोर्ट बनाकर अदालत में पेश करने के लिए भी कहा गया है, जिस पर परिवहन विभाग की तरफ से कार्रवाई जारी है। आज जिन स्कूल वैन्स को बंद किया गया है, वे प्रतिष्ठित स्कूलों के बच्चों को ले जा रही थीं, लेकिन इनमें हाई कोर्ट, चाइल्ड राइट्स कमीशन, सी.बी.एस.ई. के आदेश का सरेआम उल्लंघन किया जा रहा था, जिसके चलते अधिकारियों ने इन बसों को बंद कर दिया।
हरियाणा, दिल्ली, यू.पी. व अन्य राज्यों की स्कूल वैन्स होंगी बन्द
अदालत के आदेशानुसार परिवहन विभाग की तरफ से हरियाणा, दिल्ली, यू.पी. व अन्य राज्यों की स्कूल वैन्स को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि परिवहन विभाग की तरफ से सैंकड़ों की संख्या में बाहरी राज्यों की अमृतसर में चलने वाली स्कूल वैन्स को बंद किया जा चुका है। रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉॅरिटी अमृतसर के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि अभी तक 250 के करीब स्कूल वैन्स को बंद किया जा चुका है, लेकिन अभी भी कुछ प्रतिष्ठित स्कूलों के बाहर पंजाब से अन्य राज्यों की स्कूल वैन्स चल रही हैं, जिनकी संख्या सौ के करीब है, लेकिन आने वाले दिनों में विभाग की तरफ से इन बसों को सड़कों पर चलने नहीं दिया जाएगा क्योंकि जिला प्रशासन बच्चों के मामले में किसी प्रकार का रिस्क लेने को तैयार नहींहै। यहां तक कि मुख्यमंत्री भी आदेश जारी कर चुके हैं कि स्कूल वैन्स के मामले में किसी प्रकार का दबाव बर्दाश्त न किया जाए।
कुछ स्कूलों के प्रमुख अभी भी उठा रहे रिस्क
अटारी कस्बा के सीमावर्ती इलाके में स्कूली बच्चों की वैन ड्रेन में गिरने से हुई मौतों का मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रमुख के खिलाफ भी पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज की थी, जिससे यह साबित हो गया कि इस प्रकार के मामलों में सरकार ड्राइवर व कंडक्टर के साथ-साथ स्कूल प्रमुख के खिलाफ भी पर्चा दर्ज करेगी, लेकिन आज भी कुछ प्रतिष्ठित स्कूलों के प्रमुख कंडम व बाहरी राज्यों की स्कूल वैन्स अपने स्कूलों के बाहर खड़ी करवा रहे हैं। हालांकि इस मामले में बच्चों के अभिभावकों से लिखवाया जाता है, लेकिन दुर्घटना होने की स्थिति में स्कूल मैनेजमैंट भी कानून के शिकंजे से बाहर नहीं रह सकती है।