Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 06:21 PM
सरकार बनने के 10 महीनें के बाद ही पंजाब सरकार के एक दिग्गज मंत्री की विकट गिर गई है। भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने बीते दिन इस्तीफा दिया था जिसको कांग्रेस हाईकमान ने स्वीकार कर लिया है।...
चंडीगढ़: सरकार बनने के 10 महीनें के बाद ही पंजाब सरकार के एक दिग्गज मंत्री की विकट गिर गई है। भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने बीते दिन इस्तीफा दिया था जिसको कांग्रेस हाईकमान ने स्वीकार कर लिया है।
गौरतलब है कि पंजाब में रेत की खदानों की कुछ महीने पहले नीलामी हुई थी। राणा गुरजीत सिंह और उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों का नाम रेत खनन आबंटन की गड़बडिय़ों में आ रहा था। इस दौरान राणा गुरजीत पर गलत ढंग से अपनी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा था। इसके बाद से ही पंजाब में नेता विपक्ष और आम आदमी पार्टी के सीनियर लीडर सुखपाल खैहरा लगातार राणा गुरजीत पर और कैप्टन सरकार पर हमलावर थे।
वहीं पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरजीत सिंह के बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह को बिना इजाजत विदेशों में ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट (जी.डी.आर.) के माध्यम से करीब 18 मिलियन डॉलर (लगभग 100 करोड़ रुपए) जुटाने और फिर उसे पुर्तगाल के एक बैंक में जमा करवाने के बाद भारत में अपनी कम्पनी राणा शूगर्स लिमिटेड के खाते में ट्रांसफर करने के मामले में सम्मन भेजा था।