Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Dec, 2017 03:28 PM
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से जारी निर्देशों के अनुसार बैंकों में खाताधारकों को मिनिमम बैलेंस न रखने पर चार्जिस डालने के मामले में बैंक विधवा, वृद्ध, विकलांग, निराश्रित लोगों को भी नहीं बख्श रहे व इनके पैंशनों वाले खाते में से मिनिमम बैलेंस...
होशियारपुर (अश्विनी): रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से जारी निर्देशों के अनुसार बैंकों में खाताधारकों को मिनिमम बैलेंस न रखने पर चार्जिस डालने के मामले में बैंक विधवा, वृद्ध, विकलांग, निराश्रित लोगों को भी नहीं बख्श रहे व इनके पैंशनों वाले खाते में से मिनिमम बैलेंस चार्जिस डैबिट कर रहे हैं।
एक विधवा चरनजीत कौर ने लेबर पार्टी भारत के प्रधान जय गोपाल धीमान के साथ पत्रकारों को बताया कि उसका बैंक खाता पिपलांवाला के एक बैंक में है। उसके खाते में जब पैंशन आई तो बैंक ने 402.87 रुपए की राशि मिनिमम बैलेंस न होने के चलते काट ली। बैंक के नियमों के अनुसार खाते में 2 हजार रुपए बकाया राशि होनी चाहिए व न होने पर 58 रुपए के लगभग मिनिमम चार्जिस डाले जाते हैं। चरनजीत कौर ने बताया कि बैंक की तरफ से यह राशि काटते समय कोई एस.एम.एस. भेजकर सूचित भी नहीं किया गया।
जय गोपाल ने मांग की कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से मिनिमम बैलेंस संबंधी बैंकों को भेजा गया परिपत्र नंबर डी.बी.ओ.डी.डी.आई.आर.बी.सी.53/ 13.10.00/2002-03 व एडीशनल दिशा-निर्देशों संबंधी 1 अप्रैल 2015 को जारी पत्र वापस किया जाए। उन्होंने कहा कि इन परिपत्रों के अनुसार बैंकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे अपने खाताधारकों को पैसे काटने से पूर्व इस बात की सूचना दें कि उनके खातों में बकाया राशि कम है व इसे एक महीने के अंदर-अंदर जमा करवा दिया जाए।