हाईकोर्ट ने पूछा, प्राइवेट डी-एडिक्शन सैंटरों का रुख क्यों कर रहे मरीज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 12:25 AM

why are patients turning to private de addiction centers

सरकारी संस्थानों को छोड़कर मरीजों के प्राइवेट डी-एडिक्शन सैंटर का रुख करने पर पंजाब एंड हरियाणा ...

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): सरकारी संस्थानों को छोड़कर मरीजों के प्राइवेट डी-एडिक्शन सैंटर का रुख करने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पटियाला गवर्नमैंट मैडीकल कॉलेज से जवाब मांगा है। पंजाब में रिहैबिलीटेशन सैंटर्स की कार्यप्रणाली को लेकर चल रहे केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मोगा के जनेर गांव में डी-एडिक्शन सैंटर में ढांचागत सुविधाओं का इस्तेमाल न करने को लेकर भी जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा कि मरीजों को जनेर डी-एडिक्शन सैंटर में क्यों शिफ्ट नहीं किया जा रहा।

काऊंसलिंग कार्यक्रमों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी 
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा संचालित व फंडिड डी-एडिक्शन सैंटर्स व रिहैबिलीटेशन सैंटर्स के संबंध में समय-समय पर काउंसलिंग और संवेदीकरण के कार्यक्रमों को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। वर्ष 2008 में तलविंद्र पाल सिंह और अन्यों द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने यह जवाब मांगा है। इससे पहले केस की एक सुनवाई में सरकार ने बताया था कि रिहैबिलीटेशन सैंटर्स के सुधार व डी-एडिक्शन सैंटर्स के लिए स्टेट लैवल कमेटी बनाई गई है। 

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