Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jul, 2017 12:11 PM
भले ही समय-समय की सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी शहरों जैसी सुविधाएं देने के लाखों दावे किए जाते हैं परंतु आज भी जिले के कई गांव प्राथमिक सुविधाओं को तरस रहे हैं..............
श्री मुक्तसर साहिब (हरीश, तनेजा): भले ही समय-समय की सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी शहरों जैसी सुविधाएं देने के लाखों दावे किए जाते हैं परंतु आज भी जिले के कई गांव प्राथमिक सुविधाओं को तरस रहे हैं, जिसकी ताजा मिसाल निकटवर्ती गांव मौड़ से मिलती है। पंजाब केसरी द्वारा इस गांव का दौरा करने के बाद यह विशेष रिपोर्ट तैयार की गई है। गांव निवासियों ने बताया कि सरकार ने कभी भी इस गांव की सुध नहीं ली।
उल्लेखनीय है कि गांव में लोगों के उपचार के लिए कोई सरकारी स्वास्थ्य डिस्पैंसरी नहीं है, पशुओं के उपचार के लिए पशु अस्पताल नहीं, किसानों की फसलों को बेचने हेतु अनाज मंडी नहीं, डिजीटल इंडिया के सपने ले रहे देश के गांव में पैसों के लेन-देन हेतु बैंक ही नहीं व दवाइयां लेने के लिए मैडीकल स्टोर भी नहीं। इसके अलावा जिम तो है परंतु गत कई माह से उस पर ताला लटक रहा है। बच्चों के पढऩे के लिए मात्र 8वीं कक्षा तक ही सरकारी स्कूल हैं व आगे पढऩे के लिए विद्याॢथयों को अन्य गांवों में जाना पड़ता है जिस कारण गांव की कई लड़कियां को अपनी पढ़ाई अधर में ही छोडऩी पड़ती है। पंजाब सरकार को चाहिए कि वह अनेदखे किए हुए इस गांव की ओर शीघ्र ध्यान देकर गांव निवासियों की सुध ले।
6 माह से जल घर के नल में नहीं आया पानी
एक ओर भयानक गर्मी पड़ रही है और लोगों को अधिक पानी की जरूरत है परंतु दूसरी ओर गांव मौड़ में गत 6 माह से जल घर के नल में पानी नहीं आया। जिस कारण गांव निवासी परेशान हैं। गांव में धरती का निचला पानी पीने योग्य नहीं है व गांव के कई लोग पहले ही भयानक बीमारियों जैसे कैंसर, काला पीलिया, दिल की बीमारियां व हड्डियों आदि के रोगों से पीड़ित हैं। इस बीच पता चला है कि जल घर की पुरानी पाइपें खोद कर नई पाइपें डाली जा रही हैं व जल घर की पानी की टैंकी को सीधी सप्लाई देने के लिए पाइप लाइन रजबाहे तक डाली जा रही है।
गत करीब 6 माह से जलघर बंद पड़ा है। महिलाएं जहां हैंड पम्पों से मिट्टी के मटके में पानी भरकर लाती है, वहीं पुरुष ट्रालियों व टैंकियों आदि के माध्यम से पानी लेकर आते हैं। लोगों ने मांग की हैं कि संबंधित विभाग व जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों को इस मुश्किल की ओर ध्यान देना चाहिए।
नहरी पानी की कमी के कारण जमीनें हो रहीं बंजर
गांव मौड़ में खेती करने के लिए किसानों को नहरी पानी की बड़ी कमी महसूस हो रही है। जिस कारण अनेक किसानों की आॢथक हालत खराब हो रही है। यहां जमीन का कुल रकबा 1200 एकड़ के करीब है व नहरी पानी की कमी के कारण किसानों की 300 एकड़ के लगभग जमीन जो अकालगढ़ वाले कच्चे रास्ते की ओर रहै, बंजर बन रही है। धरती निचला पानी कड़वा होने के कारण किसान अपने खेतों में नहरी पानी की कमी को पूरा करने के लिए ट्यूबवैल भी नहीं लगा सकते। किसानों की जमीनों को बंजर होने से बचाने के लिए व उनकी आर्थिक हालत सुधारने के लिए पंजाब सरकार इस क्षेत्र में नए रजबाहे बनाए।