Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jul, 2017 03:25 PM
सरकारी स्कूल के शिक्षकों को लापरवाही और खराब नतीजे के लिए अकसर दोषी ठहराया जा रहा है लेकिन जिले में सरकारी मिडल स्कूल में शिक्षक सुरेश कुमार, गरीबों को मुफ्त कोचिंग देकर शिक्षण समुदाय के लिए एक मिशाल बन गए हैं।
मुक्तसरः सरकारी स्कूल के शिक्षकों को लापरवाही और खराब नतीजे के लिए अकसर दोषी ठहराया जा रहा है लेकिन जिले में सरकारी मिडल स्कूल में शिक्षक सुरेश कुमार, गरीबों को मुफ्त कोचिंग देकर शिक्षण समुदाय के लिए एक मिशाल बन गए हैं। सुरेश कुमार द्वारा पढ़ाए गए पांच छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए योग्य विद्यालयों में अध्ययन करने का मौका मिला है। उल्लेखनीय है कि सुरेश, जो 2008 में चकघढ़ सिंह वाला स्कूल में तैनात थे, ने इस साल फरवरी में गांव के छात्रों को मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान करना शुरू किया।
उनके द्वारा पढ़ाए गए छात्रों ने कक्षा 10 की परीक्षा में 80% अंकों के ऊपर अंक अर्जित किए जिसके बाद उन्होंने उन्हें विद्यालय प्रवेश परीक्षा में उत्कृष्ट प्रशिक्षण के लिए तैयार करना शुरू किया। एक पंजाबी शिक्षक होने के बावजूद, उन्होंने अपने छात्रों को गणित, अंग्रेजी और विज्ञान में सफलतापूर्वक प्रशिक्षिण दिया।जब उन्होंने विद्यार्थियों को मुफ्त कोचिंग देने का फैसला किया, तो सुरेश ने सभी गांवों में मुफ्त कक्षाओं के छात्रों को आमंत्रित करने के लिए पैम्फलेट बांटे। कुछ लोग उन पर हँसे और कुछ ने कहा कि मैं अपना समय बर्बाद कर रहा हूं। इसके बावजूद मैंने बच्चों का शाम के समय पढ़ाना नहीं छोड़ा।
उन्होंने कहा मैं मिथक को तोड़ना चाहता हूं कि सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से नीचे हैं। हमारे छात्रों में निजी स्कूलों के बराबर क्षमता है लेकिन उन्हें उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है क्योंकि सरकारी विद्यालयों में अधिकांश छात्र दलित समुदाय से संबंधित हैं और वे महंगे कोचिंग नहीं कर सकते।सुरेश दिल का दौरा पड़ने कारण अभी छुट्टी पर चल रहे हैं लेकिन उन्होंने अपने मिशन को बाधित नहीं होने दिया। संदीप कौर जिसनें मेघावी छात्रों में एक सीट हासिल की है के पिता लक्खा सिंह ने कहा, "वह हमारे जैसे लोगों के लिए आशा की किरण है। हमारे बच्चों की शिक्षा का ख्याल रखना हमारे लिए असंभव है लेकिन सुरेश हमारे बच्चों को मुफ्त शिक्षा और मार्गदर्शन प्रदान कर एक महान काम कर रहा है। "गांव की सरपंच, सुखजींदर कौर ने कहा, "उनके जैसे शिक्षक दूसरों के लिए उदाहरण हैं। हमें उनपर गर्व है।