Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jul, 2017 02:24 PM
कोटकपूरा के एक निजी हाई-फाई स्कूल में पढ़ते नन्हे-मुन्ने बच्चों को स्कूल आने से पहले आधा घंटा अपने पांच-पांच किलो के बस्तों सहित धूप में लाइन में खड़े होना पड़ता है।
फरीदकोट(हाली): कोटकपूरा के एक निजी हाई-फाई स्कूल में पढ़ते नन्हे-मुन्ने बच्चों को स्कूल आने से पहले आधा घंटा अपने पांच-पांच किलो के बस्तों सहित धूप में लाइन में खड़े होना पड़ता है। उसके बाद उनकी एंट्री करके उन्हें स्कूल अंदर भेजा जाता है। बच्चों की यह हालत देखकर इन बच्चों को अपनी वैनों में लाने वाले ड्राइवरों ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाली है। इसमें उन्होंने मां-बाप को उनके बच्चों की स्थिति व स्कूल प्रबंधकों के व्यवहार बारे जानकारी दी है।
गत 2 दिनों से सोशल मीडिया पर लगातार एक-दूसरे को फावर्ड हो रही इस वीडियो में वैन ड्राइवर यूनियन के नेता सुखजिंद्र सिंह ने बताया कि यह स्कूल शहर से बाहर होने के कारण इसे जाने वाला रास्ता काफी खराब है।
इस कारण वैन वाले बच्चों को लेकर स्कूल लगने के समय से सिर्फ 5 मिनट लेट पहुंचते हैं। इसकी सजा बच्चों को धूप में खड़ा करके दी जाती है। उन्होंने बताया कि स्कूल के कुछ अध्यापक बच्चों को धूप में लाइन में खड़ा कर उनके नाम नोट करने लगते हैं। एक-एक बच्चे का नाम नोट करके इन बच्चों को आधे घंटे तक बस्तों के भार सहित धूप में खड़े किया जाता है।
स्कूल पढ़ाई के समय बच्चे बाहर खड़े होने के कारण पढ़ाई से और लेट होते हैं । इस संबंधी स्कूल अध्यापकों की भाषा वैन चालकों प्रति निंदनीय होती है। स्कूल अध्यापकों के इस व्यवहार कारण किसी भी समय कोई भी हादसा घट सकता है। उन्होंने मां-बाप व लोगों से मांग की कि वह उनका साथ दें ताकि बच्चों को इस तरह परेशान करने वालों खिलाफ कार्रवाई करवाई जा सके। इस संबंधी जब शिक्षा अधिकारियों व संबंधित थाने में सम्पर्क किया गया तो दोनों ने ही बताया कि उनके पास बच्चों के साथ हो रहे इस व्यवहार बारे अभी तक किसी ने कोई शिकायत नहीं की है। उन्होंने भरोसा दिया कि शिकायत आने पर बनती कार्रवाई की जाएगी।