Edited By Updated: 20 Apr, 2017 02:12 PM
गेहूं की फसल पकते ही भारत-पाक सीमा से सटे अमृतसर सैक्टर के 120 किलोमीटर लंबे बार्डर पर बंदूकों के साए में गेहूं की कटाई शुरू हो गई है। अमृतसर जिले की समूह अनाज मंडियों में गेहूं की भारी आमद होनी शुरू हो चुकी है।
अमृतसर: गेहूं की फसल पकते ही भारत-पाक सीमा से सटे अमृतसर सैक्टर के 120 किलोमीटर लंबे बार्डर पर बंदूकों के साए में गेहूं की कटाई शुरू हो गई है। अमृतसर जिले की समूह अनाज मंडियों में गेहूं की भारी आमद होनी शुरू हो चुकी है। इसके चलते बार्डर पर भी फैंसिंग के पार खेती करने वाले किसानों ने अपनी फसलों की कटाई का काम शुरू कर दिया है। इस काम में किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए बी.एस.एफ. तय समय पर किसानों को फसलों की कटाई के लिए वक्त दे रही है। इसके अलावा पाकिस्तानी आतंकवादियों व पाकिस्तानी तस्करों से सुरक्षा के लिए बी.एस.एफ. के जवान भी किसानों के साथ जाकर न सिर्फ पहरा दे रहे हैं बल्कि गेहूं की कटाई करने वाली कंबाइनों व ट्रैक्टरों तक में किसानों के साथ बैठकर उनकी सुरक्षा कर रहे हैं।
जनवरी से लेकर अप्रैल तक का माह बी.एस.एफ. के लिए सुरक्षा के लिहाज से वैसे भी चुनौती बना रहता है क्योंकि इसी दौरान पाकिस्तानी तस्कर हैरोइन की खेप को भारतीय सीमा में पहुंचाने का प्रयास करते हैं क्योंकि खड़ी फसल में एक व्यक्ति आसानी के साथ खड़े होकर या फिर बैठकर फैंसिंग के पास पहुंच सकता है और इस काम में भारत में बैठे तस्कर भी पाकिस्तानी तस्करों के गाइड बने रहते हैं फिलहाल बी.एस.एफ. ने गेहूं की खड़ी फसल की चुनौती को दोनों हाथों से लिया है और तस्करों के इरादों को नाकाम किया है।
अमृतसर सैक्टर में बार्डर 120 किलोमीटर लंबा
पाकिस्तान से सटे पंजाब बार्डर पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि अमृतसर सैक्टर में पाकिस्तान से सटा 120 किलोमीटर लंबा बार्डर है जबकि पंजाब का 553 किलोमीटर लंबा बार्डर पाकिस्तान के साथ सटा है, जिसमें फैंसिंग के पार व फैंसिंग से पहले भारतीय सीमा के अन्दर गेहूं की फसल खड़ी है और अब इसको कंबाइनों के जरिए काटा जा रहा है हालांकि कुछ इलाकों में परंपरागत तरीकों से भी गेहूं की कटाई का काम किया जाता है लेकिन अब नाममात्र ही इस प्रकार के हालात देखने को मिलते हैं क्योंकि ज्यादातर किसानों के पास खेतीबाड़ी के आधुनिक औजार हैं और किराए की कंबाइनों के जरिए गेहूं की फसल काटी जाती है जो कुछ ही घंटों में पूरे खेत की कटाई करने में सक्षम हैं।