Edited By Updated: 19 Feb, 2017 10:42 AM
विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पंजाब सरकार ने जालंधर नगर निगम को कुछ माह पहले करीब 200 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी की थी जिसके तहत होने वाले विकास कार्यों के लिए यह शर्त लगा दी गई कि इनकी जांच थर्ड पार्टी एजैंसी द्वारा की जाएगी।
जालंधर(खुराना): विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पंजाब सरकार ने जालंधर नगर निगम को कुछ माह पहले करीब 200 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी की थी जिसके तहत होने वाले विकास कार्यों के लिए यह शर्त लगा दी गई कि इनकी जांच थर्ड पार्टी एजैंसी द्वारा की जाएगी। पंजाब सरकार ने जालंधर निगम के लिए ई.आई.एल. यानी इंजीनियर्स इंडिया लि. नामक कम्पनी को इस जांच का कार्य सौंपा, जिसने शुरू-शुरू में काफी सख्ती दिखाई जिसके कारण निगम के ठेकेदारों ने काम शुरू करने से ही मना कर दिया और विकास कार्य कई माह लेट हो गए। उसके बाद नगर निगम के अधिकारियों ने सरकार से बैठकें करके थर्ड पार्टी एजैंसी को कुछ नरम होने के लिए मना लिया।
अब थर्ड पार्टी एजैंसी मात्र नाम की रह गई है और चैकिंग के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है। शहर में पिछले कुछ सप्ताह दौरान घटिया क्वालिटी की सड़कें बनाए जाने के कई मामले सामने लाए गए परंतु न तो नगर निगम के अधिकारियों और न ही थर्ड पार्टी के किसी अधिकारी ने इनकी जांच करने की जहमत दिखाई। गौरतलब है कि थर्ड पार्टी एजैंसी को विकास कार्यों की जांच के लिए लाखों रुपए का भुगतान हो चुका है परंतु फिर भी इस एजैंसी द्वारा क्वालिटी की ओर कोई ध्यान न दिए जाने के कारण शहर में चर्चा शुरू हो गई है कि कहीं थर्ड पार्टी एजैंसी के अधिकारी ठेकेदारों और निगम अधिकारियों के नैक्सेस में शामिल तो नहीं हो गए हैं।
घटिया सड़कें बनाए जाने की एक मिसाल अब बस्ती मिट्ठू के साथ लगती शास्त्री नगर कालोनी में देखने को मिल रही है जहां सीमैंट की सड़कें बनाए जाने से पहले बेस के नाम पर सिर्फ रेत ही डाली जा रही है। मोहल्ला निवासियों ने बताया कि ठेकेदार द्वारा सड़कों के किनारों पर जो रोड गलियां बनाई जा रही हैं उनमें पुरानी ईंटों का ही इस्तेमाल किया जा रहा है और सीमैंट भी बहुत कम प्रयोग हो रहा है। इन रोड गलियों में मात्र 3 इंच की घटिया प्लास्टिक की पाइप डाली जा रही है और वह भी रोड गलियों के ऊपर-ऊपर। मोहल्ला निवासी कई बार इस घटिया कार्य की शिकायत निगम अधिकारियों को कर चुके हैं परंतु कोई अधिकारी अभी तक मौके पर नहीं आया जिस कारण ठेकेदार द्वारा मनमर्जी की जा रही है।ड्ड
मेयर का सोशल बायकाट करवा चुका है यह ठेकेदार
शास्त्री नगर में निगम के जिस ठेकेदार द्वारा घटिया क्वालिटी की सड़कें बनाई जा रही हैं वह ठेकेदार पहले भी कई सड़कों को लेकर विवाद में आ चुका है और एक बार तो इस ठेकेदार ने मेयर पर अपशब्द कहने का आरोप लगाकर उनका सोशल बायकाट तक करवा दिया था। अब देखना है कि नगर निगम के अधिकारी या थर्ड पार्टी के प्रतिनिधि इस ठेकेदार पर क्या एक्शन लेते हैं। मोहल्ला निवासियों ने मांग रखी है कि ठेकेदार की पेमैंट रोककर संबंधित निगम अधिकारियों और थर्ड पार्टी प्रतिनिधियों पर भी एक्शन लिया जाए।