हथियारों के शौकीनों को पहले चरण में 20 हजार की मार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 11:51 AM

weapon lovers

पंजाब में हथियारों के शौकीनों की कोई कमी नहीं, पूर्व अकाली-भाजपा सरकार दौरान बड़ी संख्या में हथियारों के लाइसैंस जारी किए गए, जिसके कारण मामूली झगड़े के दौरान हथियारों का प्रयोग भी होता रहा, लेकिन अब हथियारों के शौकीनों के सपने टूटते नजर का रहे हैं...

बठिंडा(विजय): पंजाब में हथियारों के शौकीनों की कोई कमी नहीं, पूर्व अकाली-भाजपा सरकार दौरान बड़ी संख्या में हथियारों के लाइसैंस जारी किए गए, जिसके कारण मामूली झगड़े के दौरान हथियारों का प्रयोग भी होता रहा, लेकिन अब हथियारों के शौकीनों के सपने टूटते नजर का रहे हैं क्योंकि बठिंडा में हथियार लाइसैंस की कीमत दोगुनी कर 20 हजार कर दी गई है। जो व्यक्ति असला खरीदना चाहता है पहले चरण में उसे 20 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ता है, चौंकिए मत.... प्रदेश में बठिंडा हथियार लाइसैंसों के मामले में सबसे महंगा हो गया है। 

गत 10 वर्षों से हथियार के लाइसैंस की चाह रखने वाले कांग्रेसी कार्यकत्र्ताओं के सपने भी चूर-चूर हो रहे हैं क्योंकि उन्हें भी हर कीमत पर 20 हजार रुपए की फाइल खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अगर किसी कारण फाइल रद्द होती है तो 20 हजार तो गए, पूर्व सरकार के दौरान असला लाइसैंस फीस 10 हजार रुपए थी जबकि एक फार्म की कीमत महज 20 रुपए है लेकिन बसूले 20 हजार जाते हैं। ‘सस्ती रोटी’ के नाम पर रैडक्रास प्रत्येक लाइसैंस पर 20 हजार रुपए चंदा बसूल करती है। यह निर्देश लाइसैंस जारी करने की अथारिटी की ओर से दिया गया है कि रैडक्रास पर 20 हजार की पर्ची कटाओ तब लाइसैंस की फाइल आगे बढ़ेगी। जबरन चंदा बसूली के नाम पर कांग्रेस कार्यकत्र्ता भी खफा हैं, उनका कहना है कि वे गत 10 वर्षों से असले की चाहत बटोरे हुए हैं लेकिन जब अपनी सरकार आई तो प्रशासन का कुल्हाड़ा उन पर चल पड़ा। 

हथियार लाइसैंसों की होड़ लगी हुई है, विराम लगाने के लिए बढ़ाई फीस : डी.सी.
जिलाधीश दीपर्वा लाकरा का मानना कि बठिंडा में हथियार रखने के शौकीनों की कमी नहीं जबकि युवाओं का उत्साह भी बढ़ता ही जा रहा है। जिला प्रशासन ने इस रफ्तार को कम करने के लिए ही 20 हजार रुपए फीस रखी है, बेशक यह पंजाब में सबसे अधिक फीस है। 

केंद्र द्वारा निर्धारित फीस 1 हजार रुपए
हथियारों के लाइसैंस जारी करने का जिम्मा कें द्रीय गृह मंत्रालय के पास है जिन्होंने प्रत्येक लाइसैंस पर केवल 1 हजार रुपया फीस ही रखी है। लाइसैंस का नवीनीकरण करवाने के लिए 1500 रुपए की फीस है। हैरानी यह है कि फार्म 20 रुपए का, लाइसैंस फीस 1 हजार रुपए, बावजूद इसके रैडक्रास पर्ची के नाम पर 20 हजार रुपए बसूले जा रहे हैं। पड़ोसी जिले मानसा में लाइसैंस की फीस 15 हजार रुपए है। वरिष्ठ अधिवक्ता व बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष राजन गर्ग के अनुसार असला लाइसैंस की फीस जरूरत से अधिक  महंगी है। फीस बढऩे से अमन-कानून की स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता बल्कि लॉ एंड आर्डर को मुख्य रखकर जरूरतमंदों के ही लाइसैंस जारी किए जाएं। कुछ लोग शौक के तौर पर असला लाइसैंस प्राप्त करते हैं और उसका प्रयोग विवाह, शादियों व अन्य समारोह पर करते हैं इस पर रोक लगनी अनिवार्य है।
 

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