Edited By Updated: 28 Mar, 2017 02:57 AM
विश्व एक परिवार है। हम सब एक पिता की संतान हैं, यह भारत का चिंतन....
अबोहर(भारद्वाज): विश्व एक परिवार है। हम सब एक पिता की संतान हैं, यह भारत का चिंतन रहा है। हमारे देश की खासियत है हम अपने विचारों को किसी पर थोपते नहीं हैं। यही देश है जिसने विश्व को डंके की चोट पर कहा है कि ईश्वर एक है। इतना विशाल, व्यापक चिंतन और विचार इसी धरती पर पैदा हुआ।
शास्त्रों ने बताया कि सत्य एक अलग-अलग लोग उसे अलग-अलग रूप में कहते हैं। उक्त उद्गार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के 80 वर्ष पूर्ण होने पर आबू रोड के शांतिवन परिसर में इंटरनैशनल कॉन्फ्रैंस कम कल्चरल फैस्टीवल ‘विश्व परिवर्तन के लिए परमात्म ज्ञान’ विषय पर आयोजित किया जा रहा है।
स्कूल-कॉलेजों में मूल्य एवं आध्यात्मिक शिक्षा शुरू करने की मांग
-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर संस्था के सचिव बी.के. निर्वैर भाई ने भारत के सभी स्कूल-कॉलेजों में मूल्य एवं आध्यात्मिक शिक्षा शुरू करने की मांग की।
-निर्वैर भाई ने कहा कि बच्चों को आध्यात्मिक शिक्षा दी जाए तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता।
-दादी जानकी ने पी.एम. मोदी को माऊंट आबू आने का निमंत्रण दिया।
अपना बना के बाबा ने मुस्कुराना सिखा दिया: दादी जानकी
संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी ने कहा कि हर एक को मैं कौन, मेरा कौन जानना चाहिए। 80 साल से मैं बाबा की सेवा में हूं। वही मेरा माता-पिता है, उसके सिवाए मेरा दुनिया में कोई नहीं है। उसने मुझे ऐसी पालना भी दी है और सेवा भी कराई कि वही मेरा दिला राम है। धीरज है तो शांति है, प्रेम है, कोई भी बात मुश्किल नहीं है। अपना बना के बाबा ने मुझे मुस्कुराना सिखा दिया है।