श्री हरिमंदिर साहिब के विरासती मार्ग पर खड़े पानी ने लिया राजनीतिक रंग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jun, 2017 03:10 PM

water standing on the legacy path of sri harimandir sahib took political color

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अमरजीत सिंह टिक्का ने कहा है कि अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार की ओर से विरासती मार्ग पर खर्चे 500 करोड़ रुपए आज बरसात की भेंट चढ़ गए हैं।

अमृतसर(ममता): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अमरजीत सिंह टिक्का ने कहा है कि अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार की ओर से विरासती मार्ग पर खर्चे 500 करोड़ रुपए आज बरसात की भेंट चढ़ गए हैं। उन्होंने इसके लिए सुखबीर सिंह बादल को जिम्मेदार ठहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह एवं कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से 
जांच की मांग की है। 

उन्होंने कहा कि अमृतसर में केवल एक घंटा बरसात हुई। विरासती मार्ग और आसपास पानी का निकास देर शाम तक नहीं हो सका। जिसके कारण श्रद्धालुओं का जनजीवन भी अस्त-व्यस्त रहा। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने इसे अपने ड्रीम प्रोजैक्ट के रूप में प्रचारित किया था। इतना ही नहीं गठबंधन के अंतिम साल में वोटें बटोरने से भी गुरेज नहीं किया गया और उद्घाटन के समय पूरे देश के मीडिया को आमंत्रित कर अपने को बहुत बड़ा प्लानर साबित करने का प्रयास किया, जिसका खमियाजा आज अमृतसर ही नहीं दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु भी भुगत रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट को पूरा करने के लिए सरकार के 3 विभागों की जिम्मेदारी थी। जिनमें अमृतसर विकास अथारिटी, नगर निगम, पी.डब्ल्यू.डी. और समय-समय पर स्वयं सुखबीर बादल इसी प्रोजैक्ट को लेकर उच्चाधिकारियों से मीटिंगें करते रहे। उन्होंने कहा कि अगर सीवरेज के पानी की निकासी का ही प्रबंध नहीं तो किस बात का प्रोजैक्ट था।  इस प्रोजैक्ट की जांच होनी चाहिए, जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

टिक्का ने कहा कि अगर दूरदृष्टि और गंभीरता के साथ इस प्रोजैक्ट को पूरा किया जाता तो इसके अच्छे परिणाम सामने आने थे परंतु सुखबीर सिंह बादल की नीयत में खोट था और उन्होंने इस प्रोजैक्ट को केवल वोटें लेने तक सीमित रखा। बादल ने यह भी ध्यान मेंं नहीं रखा श्री गुरु रामदास की नगरी के साथ हजारों श्रद्धालुओं की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर में देश में बड़े-बड़े इंजीनियरों ने कई प्रमुख प्रोजैक्ट बनाए और विशाल इमारतों व पुलों का निर्माण किया, लेकिन दूसरी ओर सुखबीर बादल ने करोड़ों रुपए लगाकर एक छोटा-सा प्रोजैक्ट पूरा करने में अपनी नाकामी साबित करवा दी। 

उन्होंने कहा कि आज 440 साल पूरे होने के बाद भी अमृतसर की प्लाङ्क्षनग जिसे गुरुओं ने तैयार किया था, इसे बरकरार भी नहीं रख सके। सुखबीर बादल का यह पायलट प्रोजैक्ट था, जिसे उन्हें अगले 200 वर्षों को ध्यान में रखकर पूरा करना था। बरसात ने सुखबीर की पोल खोल दी है और यह विरासती प्रोजैक्ट न होकर सुखबीर का चुनावी प्रोजैक्ट था। उन्होंने पंजाब सरकार से इस प्रोजैक्ट की कमियां दूर करने मांग की है ताकि भविष्य में दोबारा यहां पर पानी न खड़ा हो सके। इससे पहले इस विरासती मार्ग पर स्क्रीनों के मामले में भी अकाली-भाजपा प्रोजैक्ट की पोल खुली है। उसमें उन्होंने कांग्रेस को आरोपी ठहराने का प्रयास किया था पर इसके लिए पूरी तरह सुखबीर बादल और उनकी सरकार जिम्मेदार निकली है।
 

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