Edited By Updated: 29 Mar, 2017 09:06 AM
नगर निगम अधिकारियों ने 1 अप्रैल 2017 से शहर में वाटर मीटर पॉलिसी लागू होने का डर दिखाकर कई घरों से निवासियों से वाटर मीटर लगवा लिए, परंतु अब ऐसा लगता है कि 1 अप्रैल से नगर निगम में वाटर मीटर पॉलिसी लागू नहीं हो रही
जालंधर (खुराना): नगर निगम अधिकारियों ने 1 अप्रैल 2017 से शहर में वाटर मीटर पॉलिसी लागू होने का डर दिखाकर कई घरों से निवासियों से वाटर मीटर लगवा लिए, परंतु अब ऐसा लगता है कि 1 अप्रैल से नगर निगम में वाटर मीटर पॉलिसी लागू नहीं हो रही, क्योंकि मेयर सुनील ज्योति ने आज बताया कि इस मामले में पंजाब सरकार से निर्देश लिए जाएंगे और तभी अगला कदम उठाया जाएगा।
इस बीच सम्भावना है कि वर्ष 2018 में केन्द्र सरकार की अमरुत योजना के तहत शहर में फ्री वाटर मीटर लगाए जा सकते हैं। गौरतलब है कि इस योजना के तहत केन्द्र सरकार ने जालंधर नगर निगम को 534 करोड़ रुपए की ग्रांट मंजूर की है जो चरणबद्ध रूप से मिलेगी और इन पैसों को सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट तथा वाटर सप्लाई नैटवर्क को सुदृढ़ करने पर खर्च किया जाएगा।
इसी प्रोजैक्ट की डी.पी.आर. में नगर निगम ने 30 करोड़ रुपए वाटर मीटर लगाने हेतु मांगे हैं, जो केन्द्र सरकार की ओर से पास हो चुके हैं। इस हिसाब से अगर एक साल शहर में वाटर मीटर न लगाए जाएं तो 2018 में जालंधर के हर घर और दुकान पर सरकारी खर्चे पर वाटर मीटर लग सकेगा। अब देखना है कि इस मामले में पंजाब सरकार क्या फैसला देती है। 1