Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jun, 2017 09:26 AM
गांव जगतपुर का निवासी परविंद्र सिंह (35) पुत्र जीत राम इस समय इराक में उन 39 नौजवानों में शामिल है, जिनको इराक के एक
बलाचौर(बैंस,ब्रह्मपुरी): गांव जगतपुर का निवासी परविंद्र सिंह (35) पुत्र जीत राम इस समय इराक में उन 39 नौजवानों में शामिल है, जिनको इराक के एक गिरजाघर में बंदी बना कर रखा हुआ है। 18 अगस्त 2011 को इराक गए परविंद्र का परिवार बेसब्री के साथ 3 साल से उसकी रिहाई के इंतजार में है। जिक्रयोग्य है कि 15 जून 2014 को इराक में आतंकी सरगर्मियों में शामिल वहां के कुछ लोगों ने भारतीय मूल के 40 व्यक्तियों को अगवा कर लिया था, जिनमें से अमृतसर से संबंधित एक व्यक्ति किसी तरह अगवाकारों के शिकंजे में से बच कर वापस भारत आ गया था और उसने इस मामले का खुलासा किया था।
क्या कहना है परविंद्र सिंह के परिवार का : ‘पंजाब केसरी’ के साथ विशेष मुलाकात दौरान परविंद्र सिंह के पिता जीत राम ने बताया कि उसकी रिहाई के लिए वह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को 8 जून को 11वीं बार मिल कर आए हैं और उनके साथ अन्य बंदी युवाओं के माता-पिता भी उनके साथ थे। सुषमा स्वराज ने कहा है कि नौजवानों की रिहाई के लिए भारत की तरफ से 2 राजदूत इराक सरकार के पास गए हुए हैं। वहां से राजदूतों ने जानकारी भेजी है कि बंदी बनाए 39 व्यक्ति सुरक्षित हैं। उम्मीद है कि 2 सप्ताह में 39 युवाओं को रिहा करवा कर भारत लाया जाएगा।
यहां के हैं इराक में फंसे भारतीय: महंदपुर-जैनपुर का 1, जगतपुर का 1, जैतपुर का 1, होशियारपुर के 4, जालंधर के 4, अमृतसर के 7, नकोदर के 2, धूरी का 1, बिहार के 2, हिमाचल प्रदेश के 4 युवा इराक में फंसे हैं। जिक्रयोग्य है कि इस मामले के खुलासे के बाद ही पंजाब सरकार 20 हजार रुपए प्रति महीना पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद दे रही है।