Edited By Updated: 28 Apr, 2017 01:19 PM
जैणी के गुलशन के लिए विनोद खन्ना दयावान बनकर आए थे।
पठानकोटः जैणी के गुलशन के लिए विनोद खन्ना दयावान बनकर आए थे। 13 साल पहले गुलशन के दिल में छेद था। विनोद खन्ना उसे अपने साथ दिल्ली ले गए और दिल का ऑपरेशन अपने खर्च पर कराया। अब गुलशन 21 साल का हो गया है और खन्ना की मौत की खबर से दुखी भी है। भनवाल गांव की मनजीत कौर के दिल का ऑपरेशन भी खन्ना ने पी.जी.आई. हॉस्पिटल में कराया, लेकिन उनकी मौत हो चुकी है पर उसके पति तरीड़ सिंह और बच्चे खन्ना को दयावान का ही अवतार मानते हैं।
8 साल के मासूम गुलशन को 2004 में उनके पिता बोधराज और मां शशि बाला गोद में लेकर कभी जम्मू और कभी अमृतसर के हॉस्पिटल में इलाज को घूमते थे। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि गुलशन के दिल में छेद है और ऑप्रेशन का खर्च 4 से 5 लाख रुपए के बीच है। छोटी सी दुकान चलाने वाले बोधराज के लिए अपने लाड़ले का इलाज कराना संभव नहीं था। तब गांव के गगन सिंह ने उनका परिचय विनोद खन्ना से कराया। मासूम गुलशन को इलाज के लिए खन्ना अपने साथ दिल्ली ले गए और एम्स में उसे भर्ती कराया। आज ऑप्रेशन के 13 साल हो चुके हैं और गुलशन बीकॉम फाइनल ईयर में है।
गुलशन बताता है कि एम्स में तब टेस्ट कराने के लिए उसे बाहर भेजा जाता तो खन्ना अपनी निजी गाड़ी एम्स में भेजते थे और ऑप्रेशन का खर्च भी अपनी जेब से देते थे।
भनवाल के तरीड़ सिंह की पत्नी मनजीत कौर के दिल में भी छेद था। खन्ना ने अपने खर्च पर पी.जी.आई. चंडीगढ़ में मनजीत का ऑप्रेशन कराया था जबकि उसके पति तरीड़ सिंह इलाज को अपनी आधा एकड़ जमीन भी गिरवी रख चुके थे।