Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jun, 2017 08:13 AM
होशियारपुर-ऊना रोड पर स्थित गुरु रविदास आयुर्वेद यूनिवर्सिटी कैम्पस में सुबह उस समय बड़ी अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब सुबह ड्यूटी पर पहुंचे स्टाफ ने देखा कि कुछ बाहरी लोग भीतर से यूनिवर्सिटी गेट को ताला जड़े हुए हैं। दूसरी तरफ मूसलाधार बारिश...
होशियारपुर(जैन): होशियारपुर-ऊना रोड पर स्थित गुरु रविदास आयुर्वेद यूनिवर्सिटी कैम्पस में सुबह उस समय बड़ी अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब सुबह ड्यूटी पर पहुंचे स्टाफ ने देखा कि कुछ बाहरी लोग भीतर से यूनिवर्सिटी गेट को ताला जड़े हुए हैं। दूसरी तरफ मूसलाधार बारिश के बीच सड़क पर खड़े स्टाफ की परेशानियां और भी बढ़ चुकी थीं। यह सिलसिला करीब 1 घंटे तक चलता रहा।
जानकारी के अनुसार गांव खड़कां निवासी इस बात को लेकर विरोध कर रहे थे कि जब ग्राम पंचायत ने 33 एकड़ जमीन यूनिवर्सिटी के नाम पर ट्रांसफर की थी तो यह एग्रीमैंट हुआ था कि यूनिवर्सिटी में स्टाफ की रिक्रूटमैंट के मौके गांव के लोगों को योग्यता अनुसार पहल दी जाएगी। गांव के पूर्व सरपंच रंधीर सिंह के अनुसार वर्ष 2006-08 के दौरान तत्कालीन सरपंच बलदेव सिंह ने पंचायत की 25 एकड़ जमीन यूनिवॢसटी के नाम ट्रांसफर की थी।
इसके पश्चात वर्ष 2008-13 के दौरान रंधीर सिंह ने गांव के सरपंच रहते 8 एकड़ और जमीन यूनिवर्सिटी के नाम ट्रांसफर की।इस मौके पर रंधीर सिंह ने कहा कि यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी गार्ड रखे जाने हैं। गांव के कई पूर्व सैनिक गार्ड की नौकरी की योग्यता रखते हैं लेकिन यूनिवर्सिटी मैनेजमैंट द्वारा कहा जा रहा है कि यह भर्ती पैसको (पंजाब एक्स सर्विसमैन कार्पोरेशन) के थ्रू की जानी है।
रंधीर सिंह ने कहा कि अगर गांव के बेरोजगार लोगों के साथ धक्केशाही हुई तो यूनिवॢसटी गेट पर ताला जड़ ऊना रोड पर अनिश्चितकाल के लिए चक्का जाम कर दिया जाएगा।
इस संबंधी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जतिन्द्र गर्ग ने कहा कि तमाम सरकारी उपक्रमों में पैसको के माध्यम से ही सिक्योरिटी गार्ड उपलब्ध करवाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर यूनिवॢसटी का ग्राम पंचायत के साथ कोई एग्रीमैंट हुआ है तो उसे अमल में लाया जाएगा। सिक्योरिटी गार्डों की भर्ती के लिए पैसको के साथ बात की जाएगी कि गांव के योग्य व्यक्तियों को भर्ती में पहल दी जाए।
वी.सी. ने खुलवाया गेट
मालूम पड़ा है कि 10 बजे के करीब जब वाइस चांसलर प्रो. ओम प्रकाश उपाध्याय यूनिवॢसटी पहुंचे तो उन्होंने विरोध कर रहे लोगों को बातचीत के लिए राजी कर गेट खुलवाया। इसके पश्चात ही सारा स्टाफ ड्यूटी के लिए भीतर जा सका।