Edited By Updated: 17 Jan, 2017 09:23 AM
पैराफेरी रोड न बनने के कारण गढ़ा, सुभाना, हलोताली, धीना जैसे गांव लिंक रोड द्वारा नूरमहल सड़क के माध्यम से जालंधर शहर
जालंधर छावनी (कमलेश): पैराफेरी रोड न बनने के कारण गढ़ा, सुभाना, हलोताली, धीना जैसे गांव लिंक रोड द्वारा नूरमहल सड़क के माध्यम से जालंधर शहर एवं जालंधर छावनी से जुड़े हुए थे, जिनका कुल क्षेत्रफल 22 एकड़ के करीब था, जिसे आर्मी प्रशासन द्वारा अपने कब्जे में ले लिया गया था और इस कारण वहां सुभाना-गढ़ा रोड पर पी.डब्ल्यू.डी. को भी सड़कों की मुरम्मत करने से भी रोक दिया गया, बाकी की सड़कें भी टूटी हालत में है। यहां तक कि 2007 में गांव धीना में सड़क बंद कर आगे दीवार बना दी गई और घरों के आगे दीवार बनाने के लिए गड्ढे खोद दिए गए, लेकिन लोगों द्वारा भारी विरोध करने के बाद दीवार बनाने का काम रोका गया।
लोगों के लंबे प्रयास बाद यह फैसला हुआ कि आर्मी जमीन के मालिकाना हक पंजाब सरकार को हस्तांतरित कर दे और पंजाब सरकार आर्मी को उतनी ही जमीन उसके बदले देगी। इसके लिए 14 करोड़ रुपए डी.सी. आफिस आ भी चुके हैं। डी.सी. आफिस द्वारा सारा प्रपोजल आर्मी प्रशासन को भेज भी दिया गया है। अब वहां से फैसला आने की देर है। लोगों की पुरजोर मांग है कि अब इस पैराफेरी रोड को बनाने में देर न की जाए। इलाका निवासी हरविन्द्र सेतिया, जो लंबे समय से पैराफेरी रोड की लड़ाई लड़ रहे हैं, ने बताया कि छावनी परिषद के पास पहले 66.04 एकड़ जमीन सिविल सड़कों की थी, जिसका सर्वे नम्बर 445 है, जोकि जी.एल.आर. में दर्ज है। यह जमीन छावनी परिषद के आसपास के गांवों की है, जिनसे गांव आपस में जुड़े हुए थे, पर अब यह जमीन गैर-कानूनी तरीके से फौज के अधीन है।