Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 07:45 AM
सरकारी विभागों पर कसते विजीलैंस के शिकंजे के चलते रिश्वतखोरी के आदी हो चुके कई विभागीय कर्मचारियों और बाबुओं ने खुद को विजीलैंस के जाल से बचाने के लिए नए हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में कई सरकारी विभागों में जाकर छानबीन की तो पाया कि तकरीबन...
जालंधर (बुलंद): सरकारी विभागों पर कसते विजीलैंस के शिकंजे के चलते रिश्वतखोरी के आदी हो चुके कई विभागीय कर्मचारियों और बाबुओं ने खुद को विजीलैंस के जाल से बचाने के लिए नए हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में कई सरकारी विभागों में जाकर छानबीन की तो पाया कि तकरीबन हर सरकारी विभाग में कमाई वाली सीट पर बैठे बाबुओं ने प्राइवेट कारिंदे पाल रखे हैं जिन्हें शार्ट नेम एम.सी. दिया गया है यानी मनी कलैक्टर। ये एम.सी. असल में सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के सहायक के तौर पर काम करते हैं।
इनका न तो कोई रिकार्ड होता है और न ही हाजिरी रजिस्टर। ऐसे में आलम यह है कि हर सरकारी रिकार्ड को यही प्राइवेट कारिंदे संभालते हैं और बिना किसी रोक-टोक सरकारी काम करते हैं। सरकारी बाबुओं की इस नई चाल से पिछले कई महीनों से सरकारी आफिसों में जनता की भारी लूट हो रही है। सरकारी दफ्तरों में सेवा के अधिकार की धज्जियां उड़ रही हैं, क्योंकि कई विभागों को अभी तक कोई मंत्री नहीं मिल पाया है, इसलिए वहां अफसरशाही हावी है। अंडर टेबल माया का पूरा हिस्सा ऊपर तक पहुंचता है, जिसके चलते कोई बड़ा अधिकारी इन प्राइवेट कारिंदों को सरकारी दफ्तरों में काम करने से नहीं रोकता।
इस प्रकार कहा जाए तो सरकारी दफ्तरों का निजीकरण हो चुका है। प्राइवेट लोग सरकारी कामकाज को अपने तरीके से चला रहे हैं, जिसका मन चाहता है वह फाइल रोक लेता है और तब तक फाइल आगे नहीं बढ़ती जब तक प्राइवेट कारिंदों के जरिए बाबुओं की जेब गर्म नहीं होती। ऐसे रिश्वतखोर बाबुओं के कारण सरकारी विभागों में वे शरीफ, ईमानदार कर्मचारी और अधिकारी भी बदनामी व डर का माहौल झेल रहे हैं, जिन्होंने कभी रिश्वत का एक पैसा भी नहीं लिया। ऐसे में इन सारी बातों की जानकारी विजीलैंस को भी है कि सरकारी बाबुओं ने कैसे नए तरीके खोज रखे हैं।
जिस बाबू का कारिंदा पैसे लेता पकड़ा गया उस पर भी होगा केस दर्ज : एस.एस.पी. विजीलैंस
विजीलैंस के एस.एस.पी. दलजिंद्र सिंह ढिल्लों का कहना है कि विजीलैंस को इस बात की खबर है कि कई सरकारी दफ्तरों में प्राइवेट क ारिंदों के जरिए रिश्वतखोरी को बढ़ावा देने की कोशिशें की जा रही हैं, इसलिए सारे सरकारी विभागों के प्रमुखों को सैमीनारों और बैठकों के जरिए यह बता दिया गया है कि अब विजीलैंस की प्राइवेट कारिंदों पर भी पूरी पैनी नजर है और अगर किसी प्राइवेट कारिंदे द्वारा लोगों से फालतू पैसे लेने या रिश्वत मांगने की खबर विजीलैंस को मिलती है और विजीलैंस की रेड में प्राइवेट कारिंदा रंगे हाथ पकड़ा जाता है तो सिर्फ प्राइवेट कारिंदे पर ही नहीं, उससे संबंधित सरकारी बाबू पर भी केस दर्ज होगा। ढिल्लों ने कहा कि जनता सरकारी दफ्तरों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ खुल कर शिकायत करे। उन्होंने बताया कि ऐसे ही एक केस में गत दिनों नवांशहर के 2 कारिंदों को पकड़ा गया है।