Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Aug, 2017 11:40 AM
वेरका मिल्क प्लांट के एक डायरैक्टर व जी.एम. के बीच इस हद तक ठन गई कि मामला पुलिस तक पहुंच गया और डायरैक्टर को इस मामले में सस्पैंड कर दिया गया।
लुधियाना (सलूजा): वेरका मिल्क प्लांट के एक डायरैक्टर व जी.एम. के बीच इस हद तक ठन गई कि मामला पुलिस तक पहुंच गया और डायरैक्टर को इस मामले में सस्पैंड कर दिया गया।
डायरैक्टर धर्मजीत सिंह गिल ने जी.एम. हरमिंदर सिंह संधू पर आरोप लगाया कि दूध के कम रेट, दूध उत्पादकों व किसानों की हो रही लूट-खसूट के अलावा सहकारिता विभाग के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। साथी अधिकारियों की मिलीभगत से कम कीमत वाला रेट चार्ट बनाया गया। उन्होंने खुलासा किया कि मुलाजिमों की भर्ती करने के समय सहकारिता विभाग के नियमों को अनदेखा किया गया जबकि जी.एम. को बोर्ड ऑफ डायरैक्टर की तरफ से इस बात के लिए पाबंद किया हुआ है कि किसी भी मुलाजिम की नियुक्ति करने से पहले बोर्ड/कमेटी की मंजूरी प्राप्त की जाए लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।
धर्मजीत गिल ने आरोप लगाया कि मुलाजिम यूनियन के एक पदाधिकारी द्वारा क्लर्क पोस्ट पर भर्ती होने संबंधी जो दस्तावेज सौंपे गए, उसकी कापी मांगी गई तो जी.एम. ने मना कर दिया। उन्होंने खुलासा किया कि जी.एम. संधू की नियुक्ति गलत हुई है, वह तो इस पद के योग्य नहीं हैं। संधू को 2008 से वरिष्ठता सूची में लेकर आना नियमों की उल्लंघना है। अब जी.एम. अपनी कमजोरियों पर पर्दा डालने के लिए मुलाजिम यूनियन का इस्तेमाल एक ढाल के रूप में करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ एक साजिश व रंजिश के तहत झूठा पुलिस केस दर्ज करवाया गया है। गिल ने यह भी ऐलान कर दिया कि वह इस सारे मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणाहाईकोर्ट में रिट दायर करने जा रहे हैं।