Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Sep, 2017 11:12 AM
पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल दौरान अमृतसर जिले के कुछ विकास प्रोजैक्टों के निर्माण में हुई घपलेबाजी की.......
अमृतसर (नीरज): पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल दौरान अमृतसर जिले के कुछ विकास प्रोजैक्टों के निर्माण में हुई घपलेबाजी की भांति बहुकरोड़ी नवनिर्मित वातानुकूलित तहसील के निर्माण में भी घटिया मैटीरियल का प्रयोग किए जाने के कुछ और सबूत मिले हैं जो जगजाहिर हैं। नवनिर्मित तहसील की दीवारों में दरारें आने के बाद अब वातानुकूलित तहसील का विजीलैंस विभाग वाला गेट भी टूट गया है।
इस गेट के साथ ही जिला खजाना दफ्तर भी है, इसके अलावा यदि इस गेट को बंद नहीं किया जाता है तो तहसील में कोई भी दाखिल हो सकता है और तहसील में रखे महत्वपूर्ण दस्तावेज, जिसमें जमीन जायदादों की रजिस्ट्रियों से लेकर अन्य दस्तावेज भी गायब होने की संभावना हो सकती है। आखिरकार कुछ महीने पहले ही बनाया गया यह गेट कैसे टूट गया यह भी एक सवाल है।
बताते चलें कि जनता की सुविधा के लिए पूर्व अकाली भाजपा गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की पहल से करोड़ों रुपयों की लागत से वातानुकूलित तहसील बनाई गई थी ताकि तहसील में रजिस्ट्रियां करवाने आने वाले लोगों को सुविधा मिल सके लेकिन इसके निर्माण के कुछ समय बाद ही इसकी दीवारों में दरारें आनी शुरू हो गईं जिसको अस्थायी तौर पर भरा भी गया लेकिन कुछ समय बाद फिर वही हालात बन गए। आज भी अलग-अलग दफ्तरों की दीवारों में दरारें आई हुई हैं जो साबित करता है कि तहसील के निर्माण में घटिया क्वालिटी का मटीरियल प्रयोग किया गया है जो इस समय तहसील में आने वाले लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है।
इन दरारों को देखकर हर कोई हैरान हो जाता है। जानकारी के अनुसार तहसील अमृतसर (टू) के रजिस्ट्रार दफ्तर में यह दरारें सरेआम देखने को मिल रही हैं जो लगातार अपना विस्तार करती जा रही हैं। इस वातानुकूलित तहसील के निर्माण दौरान भी कुछ लोगों ने तत्कालीन डी.सी. से शिकायत की थी कि तहसील के निर्माण में घटिया मटीरियल का प्रयोग किया जा रहा है, फिलहाल मौजूदा समय में यह शिकायतें सच साबित हो रही हैं।
वॉयस ऑफ अमृतसर के संरक्षक विजय अग्रवाल व समाज सेवक संजय गुप्ता ने सरकार से मांग की है कि वातानुकूलित तहसील के निर्माण में हुई घपलेबाजी की जांच करवाई जाए और विजीलैंस विभाग से निर्माण में प्रयोग किए गए मटीरियल की गुणवत्ता को परखने के लिए इसके सैंपल भरे जाएं क्योंकि जनता के पैसों से करोड़ों रुपया खर्च करके नई ऐसी तहसील बनाई गई थी।
पानी की मशीनें भी कई महीनों से बन्द
वातानुकूलित तहसील में जनता को पीने के पानी की सुविधा देने के लिए लगाई गई पानी की मशीनें भी कई महीनों से बंद पड़ी हुई हैं और इसको ठीक नहीं करवाया जा रहा है। दोनों तहसीलों अमृतसर वन और अमृतसर (टू) में प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में लोग अपनी जमीन-जायदाद की रजिस्ट्रियां करवाने व अन्य कार्यों से आते हैं लेकिन उनको पीने का पानी नसीब नहीं होता है क्योंकि पानी की मशीनें खराब हैं और इस समय सफेद हाथी बनी हुई हैं। तहसील में आने वाले लोगों को पानी पीने के लिएतहसील के बाहर एक समाजसेवी संस्था की तरफ से लगाई गई छबील से पानी पीना पड़ता है।